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क्या राहुल गांधी का बहन के साथ अनबन है? बीजेपी के इस संकेत पर प्रियंका गांधी ने दी प्रतिक्रिया

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने वीडियो जारी कर संकेत दिया था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी में सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है। इस पर रक्षा बंधन के दिन बहन प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया के जरिये बीजेपी को जवाब दिया।

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प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी के साथ अपने रिश्ते पर प्रतिक्रिया दी।

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने संकेत दिया था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी खींचतान चल रही है। दोनों के बीच पार्टी में वर्चस्व का संघर्ष चल रहा है। इस पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रचा गया यह सपना कभी पूरा नहीं होगा क्योंकि राहुल और प्रियंका के बीच सिर्फ प्यार और विश्वास है, सम्मान और वफादारी है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीजेपी आईटी सेल प्रमुख के उस वीडियो का जवाब देने के लिए रक्षाबंधन का अवसर चुना। जिसमें रॉबर्ट वाद्रा के बयान का इस्तेमाल किया गया था कि प्रियंका संसद में रहने की हकदार हैं और यह समझा गया कि राहुल गांधी और प्रियंका के बीच अनबन चल रही है। प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा कि बीजेपी वालों, महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में यही बकवास मुद्दा बचा है? सॉरी..मगर आपके छोटे दिमाग का यह सपना कभी साकार नहीं होगा। मेरे भाई और मेरे बीच एक दूसरे के प्रति सिर्फ़ प्रेम, विश्वास, आदर और वफ़ादारी है और हमेशा के लिए रहेगी। वैसे घबराओ मत, आपके झूठ, लूट और खोखले प्रचार के अहंकार को हम दोनों बहन-भाई देश के करोड़ों बहन-भाईयों के साथ मिलकर तोड़ेंगे।

वीडियो में कहा गया कि कांग्रेस समान अधिकारों और महिला सशक्तिकरण की बात करती है। लेकिन गांधी परिवार में जो पार्टी को अपनी संपत्ति मानता है, न तो महिला सशक्तिकरण है और न ही समान अधिकार। हर कोई जानता है कि सोनिया गांधी अपने बेटे के प्यार में अंधी हैं। बार-बार राहुल गांधी को लॉन्च करते रहे हैं लेकिन प्रियंका गांधी को एक भी चुनाव नहीं लड़ने दिया। प्रियंका गांधी कांग्रेस में सिर्फ चुनाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पोस्टर गर्ल बनकर रह गई हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां कांग्रेस एक या दो से ज्यादा नहीं जीत पाती है और यही कारण है कि प्रियंका गांधी का राजनीतिक करियर पार्टी कार्यालय से आगे नहीं बढ़ सका। प्रियंका गांधी को कभी चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि सोनिया गांधी को डर था कि वह अपने भाई से आगे निकल सकती हैं। वह राहुल का बेहतर विकल्प बन सकती हैं। यही कारण है कि मां-बेटे की जोड़ी ने प्रियंका को चुनाव लड़ने से रोक दिया है। रॉबर्ट वाड्रा को भी इसका एहसास हो गया है और अब वह प्रियंका की उम्मीदवारी की वकालत कर रहे हैं।

प्रियंका को पार्टी में इतना दरकिनार कर दिया गया है कि कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मामलों पर कुछ नहीं कहती है लेकिन जब राहुल गांधी के खिलाफ मामला होता है तो सड़क पर विरोध प्रदर्शन करती है। प्रियंका गांधी की टीम का पार्टी में कोई दखल नहीं है। यह संकेत तब आया है जब बिजनेसमैन और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने हाल ही में कहा था कि प्रियंका को संसद में होना चाहिए। यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने सुझाव दिया कि अगर प्रियंका चाहें तो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी। जिससे इस बात की अटकलें तेज हो गईं कि क्या प्रियंका आखिरकार चुनावी राजनीति में उतरेंगी। 2019 में उनके वाराणसी से चुनाव लड़ने की अटकलें थीं लेकिन आखिरी समय में उनकी जगह अजय राय ने ले ली।

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