Earthquake : भूकंप आए तो ऐसे करें अपना बचाव, घबराएं नहीं इन बातों का रखें ध्यान

Do's And Don'ts At Time Of Earthquake : विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय प्लेट में भूगर्मीय हलचल तेज हो रही है। यह बड़े भूकंप का संकेत हो सकता है। भूकंप का पूर्वानुमान लगाना असंभव सा है। फिर भी इस प्राकृतिक आपदा से जान-माल का नुकसान कम करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

भूकंप आए तो इन बातों का रखें ध्यान।

Do's And Don'ts At Time Of Earthquake : दिल्ली एवं एनसीआर सहित उत्तर भारत में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। हाल के दिनों में भूकंप की रिक्टर स्केल तीव्रता कभी छह के आस-पास तो कभी इससे कम रही है। गत तीन नवंबर यानी शुक्रवार की रात भूकंप के तेज झटकों से दिल्ली-एनसीआर के लोग सहम गए। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 रही। इस भूकंप से किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। छह नवंबर (सोमवार) को दिन के सवा चार बजे के करीब दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप तीव्रता 5.6 रही। इन दोनों बड़े भूकंप का केंद्र नेपाल था। नेपाल में लगातार हल्के से लेकर मध्यम स्तर के भूकंप महसूस किए जा रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय प्लेट में भूगर्मीय हलचल तेज हो रही है। यह बड़े भूकंप का संकेत हो सकता है। भूकंप का पूर्वानुमान लगाना असंभव सा है। फिर भी इस प्राकृतिक आपदा से जान-माल का नुकसान कम करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें बताया गया है कि भूकंप आने के समय और उसके बाद लोगों को क्या करना या क्या नहीं करना चाहिए। ये बातें आपको जाननी चाहिए-

आपदा आपातकालीन किट को तैयार रखें
  • अतिरिक्त बैटरियों सहित बैटरी चालित टॉर्च
  • बैटरी चालित रेडियो
  • प्राथमिक सहायता थैला (किट) तथा मैनुअल
  • आपातकालीन खाद्य सामग्री (ड्राई आइटम्स) तथा पीने का पानी (पैक्ड तथा सीलबंद)
  • एक वाटरप्रूफ कंटेनर में मोमबत्तियों तथा माचिसें
  • चाकू
  • क्लोरीन की गोलियां तथा पाउडर-युक्त वाटर प्यूरिफायर
  • केन ओपनर
  • अनिवार्य दवाइयां
  • नकदी तथा क्रेडिट कार्ड
  • मोटी रस्सी तथा डोरियां
  • मजबूत जूते

एक आपातकालीन संप्रेषण योजना तैयार करना

यदि किसी स्थिति में परिवार के सदस्य एक-दूसरे से भूकंप के दौरान अलग हो जाएं (दिन के दौरान होने वाली एक वास्तविक संभावना जब घर के वयस्क सदस्य काम पर गए हों और बच्चे स्कूल में हो), आपदा के बाद वापस इकट्ठा होने के लिए एक योजना तैयार रखें। राज्य से बाहर रहने वाले अपने रिष्तेदार अथवा दोस्त को आपदा के बाद “पारिवारिक सूत्र” (फैमिली कांटेक्ट) के रूप में उपलब्ध होने के लिए कहें, अक्सर दूर स्थित व्यक्ति से बात करना आसान होता है। सुनिष्चित करें कि परिवार का हर व्यक्ति संपर्क सूत्र (कांटेक्ट पर्सन) का नाम, पता तथा फोन नंबर जानता हो।

अपने समुदाय को तैयार रहने में मदद करेंअपने स्थानीय अखबार में एक विषेश खंड प्रकाषित करें जिसमें भूकंप पर चेतावनी सूचना उपलब्ध हो। स्थानीय आपातकालीन सेवा कार्यालयों तथा अस्पतालों के फोन नंबर प्रकाषित करें। सूचना को स्थानीय स्तर पर स्थान दें।

घर में खतरों को पता लगाने के लिए साप्ताहिक अवधि वाली श्रृंखलाओं का संचालन करें।

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