हिंद महासागर में जल्द उतरेगा नौसेना का दूसरा 'तैरता हुआ शहर', खर्च होंगे 40 हजार करोड़
Indian Navy: रक्षा खरीद बोर्ड ने नौसेना के लिए दूसरे विमानवाहक पोत की खरीद को मंजूरी दे दी है। सेना 45,000 टन वजनी आईएसी-द्वितीय के लिए जोरदार प्रयास कर रही है, जिसकी विशिष्टताओं के साथ अनुमानित लागत 40,000 करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है।
दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के प्रस्ताव को मंजूरी
Indian Navy: भारतीय नौसेना की ताकत में और भी इजाफा होने वाला है। दरअसल, रक्षा खरीद बोर्ड ने नौसेना के लिए दूसरे विमानवाहक पोत की खरीद को मंजूरी दे दी है। यह फैसला तब सामने आया है, जब हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में दूसरे विमानवाहक पोत की खरीद को बड़ा कदम माना जा रहा है।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की प्रमुख संस्था रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिससे सरकार के दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के लिए तैयार होने का संकेत मिलता है, जिसे आईएसी-2 के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़ा खरीद प्रस्ताव जल्द ही रक्षा मंत्रालय की खरीद संबंधी शीर्ष संस्था रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) के समक्ष रखा जाएगा।
40 हजार करोड़ होंगे खर्च
जानकारी के मुताकिब, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली डीएसी की गुरुवार को बैठक होने की संभावना है और यह समझा जा रहा है कि आईएसी-2 से संबंधित प्रस्ताव पर विमर्श किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि डीएसी 1.15 लाख करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए विमानों की अतिरिक्त खेप की खरीद के लिए भारतीय वायुसेना के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है। नौसेना 45,000 टन वजनी आईएसी-द्वितीय के लिए जोरदार प्रयास कर रही है, जिसकी विशिष्टताओं के साथ अनुमानित लागत 40,000 करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है।
सितंबर में INS विक्रांत का हुआ था जलावतरण
भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (आईएसी 1) का सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलावतरण किया था। लगभग 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, आईएनएस विक्रांत में एक परिष्कृत वायु रक्षा नेटवर्क और पोत-रोधी मिसाइल प्रणाली है। इसमें 30 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को रखने की क्षमता है। पोत के जलावतरण समारोह में मोदी ने इसे तैरता हुआ शहर कहा था और इसे रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने का प्रतिबिंब बताया था। सूत्रों ने कहा कि आईएसी-2 एक तरह से आईएसी-1 का दोहराव अनुक्रम होगा। योजना के अनुसार, आईएसी-2 का निर्माण सरकार द्वारा संचालित कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया जाएगा। इस समय भारत के पास दो विमानवाहक पोत-आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत हैं। आईएनएस विक्रमादित्य रूसी मूल का पोत है। इसमें 2,300 से अधिक कक्ष हैं, जो लगभग 1700 लोगों के चालक दल के लिए डिजाइन किए गए हैं। इसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष कैबिन भी शामिल हैं। आईएसी 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है।
तेजस मार्क1ए की खरीद को भी मिल सकती है मंजूरी
इसके अलावा अतिरिक्त 97 तेजस मार्क 1ए विमानों की खरीद पर सूत्रों ने कहा कि डीएसी इसे मंजूरी देने के लिए तैयार है। अतिरिक्त बेड़े के साथ, भारतीय वायुसेना द्वारा खरीदे जाने वाले स्वदेशी रूप से विकसित तेजस विमानों की संख्या 180 हो जाएगी। फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए विमानों की खरीद के लिए सरकार संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
(एजेंसी इनपुट)
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