रूसी तेल के निर्यात पर पश्चिमी देशों को डॉ एस जयशंकर की सलाह, पहले EU के नियमों को पढ़ें

Russian Oil Issue: भारत ने पश्चिमी देशों को स्पष्ट कर दिया कि भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर कहा कि किसी तरह की टीका टिप्पणी करने से पहले ईयू के कायदे कानून को पहले पढ़ लें।

Dr S Jaishankar, Russian Crude Oil

डॉ एस जयशंकर,विदेश मंत्री

मुख्य बातें
  • रूसी तेल की खरीद पर ईयू गरम
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर का सटीक जवाब
  • पहले कायदे कानून को पढ़ने की दी सलाह

Russian Oil Issue: भारत को अब आप डिक्टेट नहीं कर सकते। अब भारत बदल चुका है,आंखों में आंख डालकर बात करने आता है। पश्चिमी देशों को भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर ऐतराज होने के साथ ही इस बात से भी चिढ़ है कि उसे रिफाइन कर पश्चिमी देशों को बेचा क्यों जा रहा है। यूरोपीयन आयोग के विदेश नीति विभाग के अध्यक्ष जोसेप बोरेल(Josep Borrell, EU Foreign policy chief) ने कहा था कि भारत के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अब उनके इस तेवर पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने जवाब भी दिया है। जयशंकर ने कहा कि सबसे पहले तो उन्हें ईयू काउंसिल(EU Council) के कायदे कानून को देखना चाहिए। अगर ईयूी के कायदे कानून को देखें तो रूस से आने वाले कच्चे तेल को तीसरे देश में रिफाइन किया जा रहा है लिहाजा वो रूसी तेल नहीं हो सकता। वो उनसे अनुरोध करेंगे कि वो काउंसिल के रेग्यूलेशन के 833/2014 को जरूर देखें।

यह भी पढ़ें: विदेश मंत्री एस जयशंकर की बेहतरीन कूटनीति, अमेरिका को उसी की भाषा में भारत ने दिया जवाब

EU ने दी थी धमकी

ब्लॉक के मुख्य राजनयिक ने पहले कहा था कि यूरोपीय संघ को यूरोप में डीजल सहित रिफाइंड ईंधन के रूप में रूसी तेल को फिर से बेचने पर रोक लगानी चाहिए क्योंकि पश्चिमी देश मॉस्को के ऊर्जा क्षेत्र पर प्रतिबंधों को कड़ा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।भारत रूसी तेल खरीदता है, यह सामान्य है जबकि बोरेल ने ब्रसेल्स में व्यापार प्रौद्योगिकी वार्ता में जयशंकर से मुलाकात की, वह उसके बाद होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित नहीं थे।उनके स्थान पर, प्रतियोगिता पर यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने कहा कि प्रतिबंधों के कानूनी आधार के बारे में कोई संदेह नहीं थाऔर यूरोपीय संघ और भारत दोस्तों के रूप में एक विस्तारित हाथ के साथ चर्चा करेंगे और बेशक, एक नुकीली उंगली नहीं।

बैठक में जयशंकर के साथ वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी थे। जयशंकर बांग्लादेश, स्वीडन और बेल्जियम की अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में सोमवार को ब्रसेल्स पहुंचे।इससे पहले भी जयशंकर ने रूस से भारत के आयात का बचाव किया था जबकि यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर रूस के साथ अपने व्यापार को कम करने के लिए नई दिल्ली पर दबाव डालने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से पश्चिम की आलोचना की थी।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited