16 साल तक 9 हजार पर करता रहा काम, हैदराबाद के डॉक्टर की पोस्ट हुई वायरल

Dr Sudhir Kumar News: हैदराबाद के डॉक्टर सुधीर कुमार का कहना है कि जो लोग कठिनाइयों का रोना रोते रहते हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। सीएमसी वेल्लुर का उदाहरण देते हुए कहा कि एक प्रोफेसर्स की जिंदगी देख एक बात तो समझ में आई कि डॉक्टर की जिंदगी में मित्यवयियता की अहम भूमिका है।

डॉ सुधीर कुमार न्यूरोलॉजिस्ट हैं

Dr Sudhir kumar News: हम अक्सर अपनी दिक्कतों और परेशानियों को गिनाते रहते हैं। नौकरीपेशा में वो लोग जिनकी सैलरी कम होती है, साल दर साल गुजर जाते हैं। लेकिन सैलरी की रफ्तार कछुए की चाल की तरह होती है और निराशा के सागर का पाट इतना चौड़ा हो जाता है उसे पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है। हम अपने आपको कोसना शुरू कर देते हैं। लेकिन अपोलो अस्पताल हैदराबाद के डॉक्टर सुधीर कुमार ने अपने अनुभव को कुछ इस तरह साझा किया है जो संघर्ष से लड़ने की उम्मीद देता है। सुधीर कुमार बताते हैं कि वो अपोलो अस्पताल(apollo hospital) में न्यूरोलॉजिस्ट हैं और पिछले 16 वर्षों से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 16 साल पहले एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद जब प्रैक्टिस में आए तो पगार के तौर पर 9 हजार रुपए मिले और आज भी सैलरी स्लैब में बदलाव नहीं है।

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डॉक्टर की सलाह

अपनी भावना या अपनी समझ को व्यक्त करने के लिए उन्होंने ट्विटर की मदद ली। वो लिखते हैं कि 20 साल पहले उन्होंने मेडिकल प्रैक्टिस शुरू की।न्यूरोलॉजी में डीएम (2004 में) की डिग्री हासिल करने के चार साल बाद उन्हें 9 हजार की पगार पर नौकरी मिली। सीएमसी वेल्लूर में पढ़ाई के दौरान अपने प्रोफेसर्स को देखकर महसूस किया कि डॉक्टर को जिंदगी में मित्वययी होना चाहिए और कम से कन में खर्च चलाना चाहिए। अब उनके यह लिखने के पीछे की वजह क्या थी। दरअसल एक यंग प्रैक्टिशनर ने अपनी परेशानी को ट्विटर पर कुछ इस तरह जाहिर किया था। उसके मुताबिक जब वो खुद की जररूतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा हो तो वो समाज सेवा कैसे कर पाएगा।

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