भारत ने किया लंबी दूरी के ग्लाइड बम ‘गौरव’ का पहला सफल परीक्षण, सुखोई जेट से टारगेट किया तबाह

मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमके-1 से लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का पहला सफल परीक्षण किया है।

ग्लाइड बम गौरव का परीक्षण (Credit- @Kunal_Biswas707)

Long-Range Glide Bomb 'Gaurav': भारत ने वायु सेना के सुखोई-30 एमके-1 लड़ाकू विमान से लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआजीबी) ‘गौरव’ का पहला सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि परीक्षण के दौरान ग्लाइड बम ने लॉन्ग व्हीलर द्वीप पर स्थापित लक्ष्य पर सटीक प्रहार किया। यह परीक्षण ओडिशा तट पर किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्लाइड बम के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय वायु सेना और रक्षा उद्योग की प्रशंसा की।
उन्होंने इस सफल परीक्षण को सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास में देश के प्रयासों में एक प्रमुख उपलब्धि बताया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमके-1 से लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का पहला सफल परीक्षण किया है।

गौरव की खासियतें

लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम ‘गौरव’ का वजन 1,000 किलोग्राम है और इसे हवा से छोड़ा जा सकता है। लॉन्च होने के बाद ग्लाइड बम अत्यधिक सटीक हाइब्रिड नेविगेशन के तहत लक्ष्य की ओर बढ़ता है और सटीक निशाना लगाता है। हैदराबाद स्थित अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) ने ‘गौरव’ को विकसित किया है। मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के दौरान ग्लाइड बम ने लॉन्ग व्हीलर द्वीप पर स्थापित लक्ष्य पर सटीक प्रहार किया। डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इस परीक्षण पर नजर रखी।
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