Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव के अथक प्रयास से नक्सल प्रभावित गांव में बिजली पहुंचाई गई

जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी है तब से पुलिस और नक्सलियों लगातार मुठभेड़ हो रही है और इस साल छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने 210 माओवादियों को मार गिराया है।

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित एक गांव में बिजली पहुंचाई गई

आजादी के 78 साल बीत जाने के बाद भी आज भी कई इलाके ऐसे है जो नक्सल हिंसा का दंश झेल रहे है ... लेकिन अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अथक प्रयास और नियाद नेल्लनार योजना के तहत अंदरूनी इलाकों में गांव वालों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं... इसी तरह गुरुवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित एक गांव में बिजली पहुंचाई गई है .... राज्य के सुदूर इलाके में बसा छुटवाही नाम का यह गांव एक साल पहले तक नक्सलियों के कब्जे में था। यहां गुरुवार यानी 28 नवंबर को पहली बार बिजली पहुंची....

आपको बता दे कि छुटवाही गांव बीजापुर जिले में स्थित है....यह बीजापुर मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर है...दो महीने पहले सुरक्षाबलों ने इस इलाके को माओवादियों से पूरी तरह मुक्त कराने के लिए बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया था..... इस दौरान यहां कई मुठभेड़ों को अंजाम दिया गया था...इलाके को नक्सलियों से मुक्त कराने के बाद यहां एक जवानों का कैंप भी लगाया गया है ...और अब इस इलाके में जवानों की मूवमेंट जारी हो गई है.... जिसके कारण आसपास के गांव अब अपने आप को सुरक्षित रख महसूस करने लगे हैं अब धीरे-धीरे सुरक्षा बलों के कैंप अंदरुनी एरिया में खोले जा रहे हैं जिससे कि और भी मूलभूत सुविधाएं बढ़ सके और ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके....

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बीजापुर के कलेक्टर संबित मिश्रा का कहना है कि “आजादी के बाद पहली बार हम ग्रामीणों को बिजली उपलब्ध कराने में सक्षम हुए हैं, क्योंकि बीजापुर में 10 सुरक्षा कैंप खोले गए हैं जिसकी वजह से हम जहां सुरक्षा कैंप होता है उसके अंतर्गत 5 किलोमीटर तक हम ऐसे गांव चिन्हित करते हैं जिनमें शासन की सभी योजनाएं पहुंचाई जा सके अभी तक 40 ऐसे गांव हैं जिनमें शासन की सभी योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं

हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना है, ताकि गावों तक हमारी पहुच बन सके ...अगले साल तक हम उन्हें सड़क से जोड़ने का प्रयास करेंगे।”

जिलाधिकारी संबित मिश्रा ने आगे बताया, “नियाद नेल्लनार योजना के तहत बिजली के अलावा हम उन्हें मोबाइल टावर, स्कूल, आँगनवाड़ी केंद्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और जल जीवन मिशन के तहत पानी की आपूर्ति प्रदान कर रहे हैं।”

तमाम तरह की चुनौतियों को पूरा करते हुए भारी सुरक्षा घेरे में इंजीनियर और कर्मचारियों ने बिजली के खंभे और ट्रांफॉर्मर आदि स्थापित किए.... 1 नवंबर 2000 को राज्य के गठन के बाद से एक साल में माओवादियों को हुई ये सबसे बड़ी क्षति है। इस अवधि में राज्य के बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा में 17 सुरक्षाकर्मी और 62 नागरिक मारे गए हैं। बस्तर क्षेत्र में बीजापुर सहित सात जिले आते हैं।

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