क्या है दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का इतिहास? जानें कब-कब कांप उठी राजधानी

Earthquake History in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप के तेज झटके महसूस किए जाते हैं। कभी इसका केंद्र अफगानिस्तान रहता है, तो कभी नेपाल। बीते कुछ सालों से भूकंप के झटके लगातार बढ़ रहे हैं और राजधानी में रहने वालों की दिल में डर लगातार बढ़ता जा रहा है। आपको दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप का इतिहास बताते हैं।

दिल्ली में भूकंप के झटकों का 300 साल पुराना इतिहास जानिए।

Delhi NCR Bhookamp: दिल्ली-एनसीआर में रविवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रविवार को 4 बजकर 8 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें, दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर के महीने में ये दूसरी बार ऐसा हुआ है कि भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर भूकंप के इतने झटके दिल्ली-एनसीआर में क्यों आ रहे हैं और इसका इतिहास क्या है?

दिल्ली में भूकंप के झटके का 300 साल पुराना इतिहास

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप इतिहास को टटोला जाए तो सबसे ज़्यादा तबाही मचाने वाला भूकंप करीब 300 साल पहले 15 जुलाई, 1720 को आया था। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) के वैज्ञानिक अपने रिसर्च में कई बड़े दावे कर चुके हैं। 1883 में प्रकाशित हुए 'द ओल्डहैम्स कैटालॉग ऑफ़ इंडियन अर्थक्वेक्स' में वर्ष 1720 में दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता का जिक्र किया गया है। रिक्टर पैमाने पर ये भूकंप करीब 6.5-7.0 के बीच था। बताया जाता है कि इस भूकंप ने पुरानी दिल्ली और अब नई दिल्ली इलाके में उस वक्त भारी तबाही मचाई थी। इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भूकंप के पांच महीनों बाद तक हल्के झटके महसूस किए गए थे।

27 जुलाई 1960 को भी दिल्ली में आया बड़ा भूकंप

तीन सौ साल पहले भूकंप के तेज झटकों ने दिल्ली में बर्बादी का मंजर देखा गया था, मगर उस वक्त की दिल्ली और आज की दिल्ली में काफी कुछ बदल गया है। दिल्ली-एनसीआर की जनसंख्या में भारी इजाफा हुआ है। इमारतों का निर्माण, बेतरतीब तरीके से ऐसी इमारतें बनाई गई हैं, जो बड़े भूकंप को नहीं झेल सकती हैं। दिल्ली में बीते 63 साल पहले ऐसा भूकंप आया था, जिससे लाल किले में भी दरारें आ गई थी। ये बात 27 जुलाई 1960 की है, जब दिल्ली में एक बार फिर बड़ा भूकंप आया था। बताया जाता है कि इस भूकंप की तीव्रता 5.6 रिक्टर स्केल थी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और उस वक्त वहीं लाल किले में दरारें भी देखी गई थीं।

End Of Feed