Earthquake: भारत पर भूकंप का कितना खतरा, क्या इसकी हो सकती है भविष्यवाणी?
विशेषज्ञों का कहना है कि उपमहाद्वीप भी अत्यधिक भूकंपीय भारतीय प्लेट पर स्थित है। भारत में भूकंपीय रूप से सुरक्षित कोई क्षेत्र नहीं है।
रत पर भूकंप का कितना खतरा
Earthquke in India: मंगलवार रात दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में आए भूकंप के झटकों ने हर किसी को दहला दिया। इसकी तीव्रता 6.6 थी और दहशत के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। इस घटना ने एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है कि क्या आने वाले वक्त में उत्तर भारत के इस इलाके में इसके कारण बड़ी तबाही होगी। और क्या भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है।
दरअसल, इस बात की पूरी संभावना है कि निकट भविष्य में भारत को किसी विनाशकारी भूकंप का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में एक प्रमुख मौसम वैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ ने आने वाले समय में बड़े भूकंप की चेतावनी दी थी। विशेषज्ञ ने कहा कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट हर साल लगभग 5 सेमी आगे बढ़ रही है, जिससे हिमालय क्षेत्र पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। इससे आने वाले दिनों में बड़े भूकंपों की संभावना बढ़ रही है।
हिमालय में दबाव बढ़ रहा है, बड़े भूकंपों की है संभावना
हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के मुख्य वैज्ञानिक और भूकंपविज्ञानी डॉ. एन पूर्णचंद्र राव ने कहा था कि पृथ्वी की सतह में विभिन्न प्लेटें शामिल हैं जो लगातार गतिमान हैं। भारतीय प्लेट 5 सेमी प्रति वर्ष के हिसाब से आगे बढ़ रही है। इसके कारण हिमालय में दबाव बढ़ रहा है और बड़े भूकंपों की संभावना है।
भूकंप को लेकर कयासों का दौर चल रहा
हाल ही में तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर तमाम तरह के कयासों का दौर अब भी चल रहा है। साथ ही इस बात पर भी बहस हो रही है कि क्या इस तरह की घटनाओं की भविष्यवाणी की जा सकती है। तुर्की सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक में स्थित है। विशेषज्ञों के अनुसार, यहां अधिक तीव्रता के भूकंप का खतरा था। जहां तक भारत का संबंध है, विशेषज्ञों का कहना है कि उपमहाद्वीप भी अत्यधिक भूकंपीय भारतीय प्लेट पर स्थित है। भारत में भूकंपीय रूप से सुरक्षित कोई क्षेत्र नहीं है।
भारतीय महाद्वीप क्षेत्र में आए कई भूकंप
भारतीय महाद्वीप क्षेत्र में कई छोटे और मध्यम भूकंप आए हैं, आखिरी विनाशकारी भूकंप अप्रैल 2015 में नेपाल में आया था और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 और 7.3 थी। भारतीय प्लेट 12 प्रमुख प्लेटों में से एक है जो किसी पहेली की तरह पृथ्वी की सतह पर एक साथ बंधी हुई है। इसकी सीमा बहुत सक्रिय हो गई है और धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। यह हर साल साल 4 से 5 सेमी आगे खिसकती है।
क्या भूकंप की हो सकती है भविष्यवाणी?
अमेरिकी सरकार की वैज्ञानिक एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, न तो यूएसजीएस (United States Geological Survey) और न ही किसी अन्य वैज्ञानिकों ने कभी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी की है। हम नहीं जानते कि कैसे ये हो सकता है और निकट भविष्य में ऐसी उम्मीद भी नहीं है। यूएसजीएस वैज्ञानिक केवल इस संभावना के बारे में बता सकते हैं कि कोई बड़ा भूकंप आ सकता है।
भूकंप की भविष्यवाणी में चार तथ्यों का ध्यान रखा जाता है - तारीख, समय, जगह और तीव्रता। गैर-वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप की भविष्यवाणी भी एक पहलू है। यूएसजीएस के मुताबिक, कुछ लोग कहते हैं कि वे भूकंप की भविष्यवाणी कर सकते हैं, लेकिन वे वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं हैं और भूकंप एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
सोशल मीडिया पर मच जाती है हलचल
यूएसजीएस के मुताबिक, भूकंप का बादलों, शारीरिक दर्द या किसी अन्य गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है। वे भविष्यवाणी के लिए जरूरी सभी तीन चीजों को परिभाषित नहीं करते हैं। दरअसल, गैर-वैज्ञानिकों, ज्योतिषियों द्वारा की गई भविष्यवाणियां आम तौर पर सोशल मीडिया पर तब दिखने लगती हैं, जब कोई बड़ा भूकंप आता है।
यूएसजीएस कहता है, तथाकथित संकेत जैसे पानी में राडोण की बढ़ती मात्रा, जानवरों का असामान्य व्यवहार जैसी चीजें ये नहीं बता सकते कि भूकंप आने वाला है। दरअसल, इस तरह के अधिकतर संकेत अक्सर बिना भूकंप वाले साबित होते हैं। इसलिए भूकंप की असल भविष्यवाणी संभव नहीं है। इसके बजाय अगर कोई वैज्ञानिक आधार है, तो इसकी संभावना का पूर्वानुमान जरूर लगाया जा सकता है।
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