भूकंप को लेकर बड़ी भविष्यवाणी, यूपी और आस-पास के राज्यों में आ सकते हैं बड़े झटके, गंगा किनारे वाले रहें सावधान
Earthquake Prediction: भूकंप को लेकर बड़ी भविष्यवाणी सामने आई है। आईआईटी कानपुर के एक भूकंप एक्सपर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में भूकंप के झटके निकट भविष्य में और अधिक तीव्र होने की संभावना है।
भूकंप को लेकर आई बड़ी भविष्यवाणी
Earthquake Prediction: भूकंप को लेकर बड़ी भविष्यवाणी सामने आई है। उत्तर प्रदेश में बड़े झटके की संभावना है। आईआईटी कानपुर के एक भूकंप एक्सपर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में भूकंप के झटके निकट भविष्य में और अधिक तीव्र होने की संभावना है क्योंकि शुक्रवार को नेपाल में भूकंप के चार झटके आए, जिससे दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में झटके महसूस किए गए। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि गंगा के किनारे के शहरी केंद्रों को भविष्य में अधिक शक्तिशाली झटके महसूस हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भूकंप के ऐतिहासिक पैटर्न से पता चलता है कि निकट भविष्य में एक शक्तिशाली भूकंप आने की संभावना है। अधिक तीव्रता वाले भूकंपों के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील शहरों के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रोफेसर मलिक ने कहा कि गंगा के किनारे बसे शहर भूकंप का खामियाजा भुगतेंगे। इन क्षेत्रों में इसका प्रभाव अधिक दिखेगा क्योंकि ये इलाका रेतीला है। जिसके कारण भूकंपीय घटनाओं के दौरान इमारतों को अधिक नुकसान होता है।
भूकंप पर क्या कहता है ऐतिहासिक डेटा
भविष्य में आने वाले भूकंपों की संभावना के बारे में बोलते हुए प्रोफेसर मलिक ने कहा कि भूकंप की घटनाओं के इतिहास के आधार पर यह बहुत संभावना है कि जल्द ही एक बड़ा भूकंप आएगा। उन्होंने कहा कि 1934 में 8.2 तीव्रता का भूकंप आया था और 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। जिससे नेपाल प्रभावित हुआ था। इसके अलावा 1505 में आए सबसे बड़े भूकंप की तीव्रता करीब 8.3 थी। उन्होंने कहा कि इस हिसाब से सभी को तैयार रहना चाहिए कि आने वाले समय में एक बार फिर उच्च तीव्रता का भूकंप जरूर आएगा और इसका असर भी दिखेगा। हालांकि यह भूकंप कब आएगा, यह कहना बहुत मुश्किल है। उन्होंने तैयारियों के महत्व पर भी जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि अब तक आए भूकंप अपेक्षित तीव्रता तक नहीं पहुंचे हैं।
उत्तराखंड में भूकंप
उत्तराखंड में भूकंप के खतरों के बारे में पूछे जाने पर प्रोफेसर मलिक ने ऐतिहासिक साक्ष्यों की ओर इशारा किया और कहा कि उत्तराखंड में वर्ष 1505 में करीब 8.3 तीव्रता का एक महत्वपूर्ण भूकंप आया था। इसके बाद 1803 में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इस ऐतिहासिक पैटर्न के आधार पर उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में उत्तराखंड में हर 300 से 500 साल में उच्च तीव्रता वाले भूकंप आ सकते हैं।
क्यों आते हैं भूकंप?
भूकंप गतिविधि में हालिया बढोतरी के बारे में बोलते हुए प्रोफेसर मलिक ने ऐसी घटनाओं के पीछे भूवैज्ञानिक कारकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह पृथ्वी टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है, जिसके नीचे तरल पदार्थ है। ये प्लेटें लगातार चलती रहती हैं और जब वे टकराती हैं या संपर्क में आती हैं तो भूकंपीय ऊर्जा निकलती है जिससे भूकंप आते हैं। इसका सीधा संबंध भूकंप की घटना से है।
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