राजस्थान में डोल गई धरती, बीकानेर में 4.2 तीव्रता के झटके
Bikaner Earthquake: बीकानेर में 4.2 तीव्रता के भूकंप के झटके दर्ज किए गए। हालांकि किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
बीकानेर में भूकंप के झटके
जोन चार में है दिल्ली
जोन चार में दिल्ली समेत कई इलाके आते हैं। शोधकर्ता बताते हैं जिस तरह एशियाई टेक्टोनिक प्लेट लगातर यूरोपीय प्लेट को टक्कर मार रही है उसकी वजह से ऊर्जा का बड़ा भंडार धरती के नीचे संचित हो गया है। यही ऊर्जा जब प्लेट्स के बीच दरारों के जरिए धरती की सतह तक पहुंचती है तो जलजला आता है। आमतौर पर हर रोज दुनिया के अलग अलग हिस्सों में 36 हजार भूकंप के झटके दर्ज किए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर भूकंप का केंद्र समंदर होते हैं लिहाजा हम सब जलजले के प्रकोप से बच जाते हैं। अगर जलजला पहाड़ी या मैदानी इलाकों में आता है तो उसका केंद्र इतनी नीचे होता है कि भूकंपीय लहरें सतह तक आते आते कमजोर पड़ जाती हैं।
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भारत के लिए संकट क्यों है बड़ा
अगर बात भारत की करें तो भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले इलाकों में पहाड़ी राज्य, बड़ी नदियों के किनारे वाले शहर, राजस्थान का मरूभूमि का इलाका है। कम प्रभावित होने वाले हिस्सों में डेक्कन का पठार है। जलजले को आप रोक नहीं सकते हैं। ऐहतियात और बेहतर प्लानिंग ही उपाय है। अगर भारत के शहरों की बात करें तो अनियंत्रित प्लानिंग संकट की बड़ी वजह है। पुराने शहरों में भवनों के निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल कम हुआ है और उसकी वजह से खतरे का स्तर बढ़ जाता है।
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