'Rana Ayyub ने चैरिटी के नाम पर एकत्र किए पैसे, FD कर लाखों रुपये खुद के खातों में किए ट्रांसफर'; ED ने लगाए ये गंभीर आरोप

Rana Ayyub News: ईडी का आरोप है क‍ि राणा अयूब ने कोविड के नाम पर ऑनलाइन अभियान शुरू किया था। क्राउड फंडिंग के तहत पैसे जुटाए गए और उनको निजी खर्चों पर खर्च किया गया तथा खुद के लिए एफडी तक बना डाली।

Rana Ayyub

राणा अयूब पर लगे हैं पैसे गबन करने के गंभीर आरोप

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

ED on Rana Ayyub: राणा अयूब ने पत्रकार और लेखक राणा अयूब (Rana Ayyub) एक ईडी का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को विशेष न्यायालय, गाजियाबाद में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत राणा अयूब के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। ईडी ने राणा अयूब के खिलाफ आईपीसी की सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 और काला धन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन, गाजियाबाद में दर्ज एफआईआर दर्ज हुआ थी और उसी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच हुई थी।

जुटाए थे इतने करोड़आरोप के मुताबिक, राणा ने एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म-'Ketto' पर फंड-रेज़र अभियान शुरू करके चैरिटी के नाम पर आम जनता से धन प्राप्त किया। यह भी आरोप लगाया गया था कि राणा ने एफसीआरए के तहत पंजीकरण के बिना विदेशी योगदान प्राप्त किया। कोविड महामारी के दौरान असम, बिहार और महाराष्ट्र के झुग्गीवासियों और किसानों की मदद के नाम पर राणा ने अप्रैल 2020 में 'केटो प्लेटफॉर्म' पर 3 फंडरेज़र अभियान शुरू किए, और कुल रु 2,69,44,680 रुपये प्राप्त किए।

जमा किए नकली बिलईडी की जांच से पता चला है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुटाए गए पैसे को उसके पिता और बहन के खातों में प्राप्त किया गया था और बाद में उसके व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर कर दिया गया था। राणा अयूब ने इन निधियों का उपयोग में 50 लाख रुपये की सावधि जमा यानि FD बनाने के लिए किया। एक नए बैंक खाते में खुद के लिए भी 50 लाख रुपये ट्रांसफर किए। 50 लाख। ईडी की जांच से पता चला कि केवल 29 लाख रुपए राहत कार्य में खर्च किए गए। राहत कार्य पर अधिक खर्च का दावा करने के लिए, सुश्री राणा अयूब द्वारा नकली बिल जमा किए गए थे। इसके बाद, अयूब के खातों में रु.1,77,27,704/- (रु.50 लाख की एफडी सहित) की बैंक शेष राशि जमा कर दी गई।

की एफडीईडी द्वारा जांच में आगे पता चला कि राणा अयूब ने अवैध रूप से रुपये जुटाए। आम जनता से ठगी कर चैरिटी के नाम पर तीन ऑनलाइन अभियान चलाकर 2.69 करोड़ रु. का उपयोग इच्छित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया बल्कि स्वयं के लिए संपत्ति के निर्माण के लिए उपयोग किया गया था। राणा अयूब ने भी इन निधियों को विदेशों से बिना किसी अनुमोदन या सरकार से पंजीकरण के प्राप्त किया, जो कि विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम, 2010 के तहत आवश्यक है।ईडी जांच ने स्थापित किया है कि राणा अयूब ने आम जनता को धोखा देने के एकमात्र इरादे से उपरोक्त अभियान शुरू किया था और उस पैसे की एफडी की तथा अपने खातों में ट्रांसफर करने के साथ खुद को बेदाग करने की कोशिश की।

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किशोर जोशी author

राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें

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