सुप्रीम कोर्ट में ED का हलफनामा, बताया क्यों किया केजरीवाल को गिरफ्तार, किया दावा- 173 फोन किए गए नष्ट

हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए आप ने इन दावों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि जांच एजेंसी झूठ बोल रही है और उसके पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

अरविंद केजरीवाल

ED Affidavit on Kejriwal: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। केजरीवाल ने इस याचिका में शराब नीति मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। अपने हलफनामे में जांच एजेंसी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को सबूतों के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें घोटाले की अवधि के दौरान लगभग 170 मोबाइल फोन को नष्ट करना शामिल है।

ईडी ने कहा, केजरीवाल समन नजरअंदाज कर रहे थे

हलफनामे में ईडी ने इस बात पर भी जिक्र है कि जांच अधिकारी द्वारा नौ बार तलब किए जाने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी तब हुई जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के समन को बार-बार नजरअंदाज किया और दिल्ली हाई कोर्ट से सुरक्षा हासिल करने में विफल रहे। ईडी ने कहा कि जब याचिकाकर्ता ने समन का पालन नहीं किया और दिल्ली हाई कोर्ट से राहत का कोई आदेश प्राप्त करने में विफल रहा, तब उनके घर की तलाशी ली गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

ईडी ने कहा, कद की परवाह किए बिना गिरफ्तारी

मुख्यमंत्री के इस आरोप का विरोध करते हुए कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनकी गिरफ्तारी हुई है, ईडी ने शीर्ष अदालत को बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी, उसके कद की परवाह किए बिना पर्याप्त सबूतों पर आधारित है। ध्यान रखा गया है कि उनकी गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों का उल्लंघन न करें। जांच एजेंसी ने यह भी तर्क दिया कि आपराधिक आरोपों वाले राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट देने से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता कमजोर हो जाएगी। हलफनामे में कहा गया है, सामग्री के आधार पर अपराध के लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं कर सकती है। अगर ऐसे तर्क को स्वीकार कर लिया जाता है, तो अपराधी राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट मिल जाएगी।

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