Hemant Soren Case: हेमंत सोरेन के खिलाफ सबूतों की लिस्ट में टीवी से लेकर फ्रिज तक के बिल, जानिए ED ने और क्या-क्या किया दावा

Hemant Soren Case: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप हैं कि उन्होंने 31 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत की 8.86 एकड़ जमीन अवैध तरीके से हासिल की थी। इसी आरोप को साबित करने के लिए ईडी ने एक फ्रिज और स्मार्ट टीवी के बिलों को सबूतों में शामिल किया है।

hemant soren case

हेमंत सोरेने के खिलाफ कितने सबूत

Hemant Soren Case: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी ने कोर्ट में कई सबूत पेश किए हैं। जिसमें टीवी से लेकर फ्रिज तक का बिल भी शामिल है। ईडी ने सोरेन के खिलाफ कई दावे किए हैं, जिससे झामुमो नेता मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं।

ये भी पढ़ें- Hemant Soren Arrest: यह एक विराम है...गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन का पहला रिएक्शन

अवैध जमीन का केस

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप हैं कि उन्होंने 31 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत की 8.86 एकड़ जमीन अवैध तरीके से हासिल की थी। इसी आरोप को साबित करने के लिए ईडी ने एक फ्रिज और स्मार्ट टीवी के बिलों को सबूतों में शामिल किया है। जांच एजेंसी ने रांची स्थित दो डीलर से ये रसीदें प्राप्त कीं और उन्हें पिछले महीने 48 वर्षीय झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता और चार अन्य के खिलाफ दायर अपने आरोप पत्र में शामिल किया। रांची में न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष पीएमएलए अदालत ने चार अप्रैल को आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया।

जेल में हेमंत सोरेन

सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित रूप से भूमि हड़पने से संबंधित धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी के अनुसार, दोनों उपकरण संतोष मुंडा के परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदे गए थे। संतोष मुंडा ने एजेंसी को बताया था कि वह 14-15 वर्षों से उक्त भूमि (8.86 एकड़) पर रह रहा था और हेमंत सोरेन के लिए इस संपत्ति की देखभाल करने का काम करता था।

ईडी का दावा

एजेंसी ने सोरेन के इस दावे का खंडन करने के लिए मुंडा के बयान का इस्तेमाल किया कि उनका (सोरेन का) उक्त भूमि से कोई संबंध नहीं है। ईडी ने जमीन पर राजकुमार पाहन नामक व्यक्ति के दावे को भी खारिज कर दिया और आरोप लगाया गया कि वह सोरेन का सहयोगी है, जिसने संपत्ति को अपने नियंत्रण में दिखाने की कोशिश की। ईडी ने दावा किया कि पिछले साल अगस्त में इस मामले में सोरेन को पहला समन जारी होने के तुरंत बाद पाहन ने रांची के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि उनके और कुछ अन्य लोगों के कब्जे में जमीन है और अन्य मालिकों के नाम पर पहले का दाखिल खारिज को रद्द किया जाए और उन्हें उनकी संपत्ति से बेदखल होने से बचाया जाए। ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सोरेन की गिरफ्तारी से दो दिन पहले 29 जनवरी को पाहन को जमीन "वापस" कर दी, ताकि झामुमो नेता का नियंत्रण और कब्जा "निर्बाध" बना रहे। जांच एजेंसी के अनुसार, भूमि मूल रूप से 'भुइंहारी' संपत्ति है, जिसे सामान्य परिस्थितियों में किसी को हस्तांतरित या बेचा नहीं जा सकता है।

191 पन्नों का आरोप पत्र

एजेंसी ने कहा कि फरवरी 2017 में मुंडा के बेटे के नाम पर एक फ्रिज खरीदा गया था, जबकि उनकी बेटी के नाम पर नवंबर 2022 में एक स्मार्ट टीवी खरीदा गया था और ये इसी जमीन के पते पर खरीदा गया था। ईडी ने कहा कि यह "साबित" होता है कि संतोष मुंडा और उनका परिवार इस संपत्ति पर रह रहा था और यह आरोपी राजकुमार पाहन के कब्जे में नहीं थी। एजेंसी ने दावा किया कि राजकुमार पाहन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे, ताकि संपत्ति को किसी तरह पाहन और उसके परिवार के सदस्यों के कब्जे में दिखाया जा सके और सोरेन के खिलाफ सबूतों को विफल किया जा सके एवं अपराध की आय को छुपाया जा सके। ईडी ने 191 पन्नों के आरोप पत्र में सोरेन, राजकुमार पाहन, हिलारियास कच्छप, भानु प्रताप प्रसाद और बिनोद सिंह को आरोपी बनाया गया है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited