नेपाल में जलजले का भारत पर असर, हम सब पर कितना खतरा, एक नजर

भारत का करीब 58 फीसद इलाका भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। भूकंप की तीव्रता के लिहाज से पूरे देश को पांच जोन में बांटा गया है।

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नेपाल में भूकंप, भारत पर असर

मुख्य बातें
  • नेपाल में आया था 6.3 तीव्रता का भूकंप
  • जमीन के अंदर 10 किमी की गहराई पर था केंद्र
  • दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए तेज झटके

मंगलवार की रात करीब 2 बजे लोगों की नींद एकाएक टूटी और महसूस हुआ कि सबकुछ हिल रहा है। दरअसल नेपाल के डोती जिले में भूकंप ने दस्तक दी और उसका असर पूरे उत्तर भारत में दिखा। रिक्टर स्केल पर 6.3 तीव्रता के भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से करीब 10 किमी की गहराई में था। जलजले को दिल्ली और एनसीआर के लोगों ने भी महसूस किया। ऐसे में यहां समझना जरूरी है कि भूकंप के प्रकोप से भारत का कितना हिस्सा महफूज है। यहां बता दें कि भूकंप की तीव्रता के लिहाज से भारत को पांच जोन में बांटा गया है। सबसे खतरनाक जोन यानी जोन-5 में देश का करीब 10 फीसद इलाका आता है। दरअसल जोन पांच में धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेट में हलचल कुछ ज्यादा होती है।

नेपाल में अब तक 6 की मौत

भूकंप की वजह से नेपाल में अब तक 6 लोगों की मौत हुई है। नेपाल में करीब 6.3 तीव्रता के भूकंप ने रात में 2 बजे दस्तक दी थी। उसके करीब डेढ़ घंटे के बाद 4.9 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। वैसे तो भूकंप का नेपाल था। लेकिन दहशत और खौफ की वजह से लोग उत्तरी भारत के कई राज्यों के लोग घरों से बाहर निकल गए थे। इस प्राकृतिक खतरे को देखते हुए भारत को पांच जोन में बांटा गया है।

  • जोन 5- 10 फीसद इलाका
  • जोन 4- 17 फीसद भूभाग
  • जोन 3-30 फीसद हिस्सा
  • जोन 2-30 फीसद इलाका
  • जोन 1- 12 फीसद इलाका

कौन कौन से इलाके में भूकंप का सबसे अधिक खतरा

यहां पर सबसे अधिक खतरा जोन पांच और जोन चार में है। यहां हम आपको बताएंगे कि देश के कौन से राज्य और इलाके किस जोन में हैं। एक ही राज्य में अलग अलग इलाके अलग अलग जोन में हैं।सबसे खतरनाक जोन यानी पांचवें जोन में जम्मू कश्मीर खास तौर से कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी इलाका, उत्तराखंड का नेपाल से लगा हिस्सा यानी पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तर बिहार के इलाके, पूर्वोत्तर के सभी राज्य, अंडमान निकोबार द्वीप शामिल हैं।

चौथे जोन में जम्मू-कश्मीर के शेष हिस्से, लद्दाख, हिमाचल के शेष इलाके, उत्तराखंड के शेष इलाके, हरियाणा का कुछ हिस्सा, पंजाब के कुछ इलाके, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश का दिल्ली से सटा इलाका, पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा, गुजरात, वेस्ट कोस्ट के पास महाराष्ट्र के कुछ इलाके और वेस्ट राजस्थान का कुछ हिस्सा शामिल है।

तीसरे जोन में गोवा, केरल, लक्षद्वीप, यूपी और हरियाणा का कुछ हिस्सा, पंजाब, गुजरात के बचे हुए इलाके, पश्चिम बंगाल का कुछ हिस्सा, पश्चिमी राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड के कुछ इलाके शामिल हैं। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के भी कुछ हिस्से हैं।

जोन 2 में राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश तेलंगाना और तमिलनाडु के बचे हुए हिस्से हैं। पहले जोन में भूकंप की वजह से खतरा बेहद कम होता है।

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ललित राय author

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