घाटी में खतरनाक साजिश, बर्फबारी में रास्ते बंद होने से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकी घुसपैठ कराने की कोशिश

Terrorist Infiltration in Jammu and Kashmir: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में सीमा पार से और अधिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिशें हमेशा होती रहती हैं।

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तस्वीर साभार : भाषा

Terrorist Infiltration in Jammu and Kashmir: कश्मीर घाटी में दहशत फैलाने की एक और खतरनाक साजिश रची जा रही है। इसका खुलासा बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने किया है। उन्होंने कहा है कि सर्दियां और बर्फबारी शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश की जा रही है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में सीमा पार से और अधिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिशें हमेशा होती रहती हैं।

उन्होंने कहा, इस तरह के प्रयास हर साल होते हैं क्योंकि पाकिस्तान बर्फबारी से पहले अधिकतम संख्या में आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करता है। हालांकि, सुरक्षाबल सतर्क हैं और घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम कर देंगे।

हर आतंकी कोशिश को नाकाम करेगी बीएसएफ

बीएसएफ महानिदेशक ने कहा, हर साल सर्दी शुरू होने बर्फबारी होने और रास्ते बंद होने से पहले आतंकवादियों को खदेड़ने की कोशिश की जाती है। लेकिन, हम सतर्क हैं। मैंने बुधवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) का दौरा किया, अपने सैनिकों और सेना के अधिकारियों से मुलाकात की। वे सतर्क हैं और अगर घुसपैठ की कोई कोशिश होगी तो हम उसे नाकाम कर देंगे। उन्होंने कहा, हम हर साल उनके मंसूबों को नाकाम कर देते हैं और इस साल भी ऐसा ही हो रहा है। वे कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे हैं। शोपियां में आज मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। वे आम लोगों पर हमला कर रहे हैं, यह उनकी हताशा का संकेत है।

पाकिस्तानी सैनिकों ने हमारी चौकियों पर हमला किया

जम्मू के सांबा जिले में संघर्ष विराम उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ महानिदेशक ने कहा, पाकिस्तानी सैनिकों ने दो-तीन बार हमारी चौकियों पर हमला किया और हमारे जवानों को निशाना बनाया है। लेकिन, हमारे सुरक्षाबल सतर्क हैं और उन्होंने बहुत अच्छी तरह से जवाबी कार्रवाई की है। सीमा पार शायद गंभीर क्षति हुई है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। यह पूछे जाने पर कि क्या सीमा पार से ऐसी गोलीबारी की घटनाओं का संघर्ष विराम पर असर पड़ेगा, नितिन अग्रवाल ने कहा कि यह (गोलीबारी) पिछले दो सप्ताह से हो रही है, लेकिन हम इसके पीछे का कारण नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, हम इस पर चर्चा कर रहे हैं और एक बार हमें इसका कारण पता चल जाएगा तो हम इसका मुकाबला करने के लिए एक रणनीति तैयार करेंगे। बता दें, जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में बृहस्पतिवार को तड़के अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास पाकिस्तानी रेंजर्स की बिना उकसावे वाली गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कॉन्स्टेबल लाल फाम कीमा (50) की मौत हो गई।

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