कतर की जेल से रिहा हुए पूर्व भारतीय नौसैनिक पहुंच रहे अपने घर, परिवारों में उत्साह
Uttarakhand News: पूर्व नौसैनिक दोहा से देहरादून अपने घर लौटा, जिसके बाद परिवार में खुशी का माहौल है। देहरादून स्थित वशिष्ठ के घर पर उनका फूल माला के साथ जोरदार स्वागत किया गया। वहीं कतर जेल से केरल घर पहुंचे नौसेना के पूर्व अधिकारी ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
पूर्व नौसैनिकों के परिवार में खुशी का माहौल।
Indian Navy Veterans: कतर की जेल से रिहा किये गये आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों में से एक सौरभ वशिष्ठ का परिवार उनकी वापसी से बेहद खुश है। देहरादून स्थित वशिष्ठ के घर पर उनका फूल माला के साथ जोरदार स्वागत किया गया। रिहाई पर पूर्व नौसैनिक की पत्नी मनसा वशिष्ठ ने कहा, 'मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। वह अनिश्चितता से भरा बेहद कठिन समय था।'
पूर्व नौसैनिक सौरभ वशिष्ठ और उनकी मां ने क्या कहा?
सौरभ की मां सुदेश वशिष्ठ ने कहा, 'मेरी खुशी समुद्र या आकाश की तरह असीमित है।' पूर्व नौसैनिक ने कहा, 'मैं इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी और कतर के अमीर की उदारता के लिए धन्यवाद देता हूं, जिससे यह असंभव देखने वाला काम संभव हो पायी। मैं अपने माता-पिता, अपनी पत्नी और बच्चों के बीच वापस आकर बेहद खुश हूं।'
नौसेना के पूर्व अधिकारी ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
हाल ही में कतर की जेल से रिहा हुए आठ भारतीयों में से एक रागेश गोपाकुमार ने अपने घर पहुंचनेे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। गोपकुमार कतर में 18 महीने जेल में बिताने के बाद राज्य की राजधानी के उपनगरीय इलाके बलरामपुरम में अपने घर लौट आए। वह उन आठ पूर्व भारतीय रक्षा कर्मियों में से एक थे, जिन्हें पहले कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर पर बड़े पैमाने पर कूटनीतिक प्रयासों के बाद वे सभी मुक्त हो गए और सोमवार को भारत वापस आ गए।
अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकता- गोपकुमार, पू्र्व नौसैनिक
गोपाकुमार ने कहा, 'घर वापस आने के बाद अब मैं कैसा और क्या महसूस कर रहा हूं, इस पर मैं अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकता। भारतीय नौसेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मैं ऐसा करने के लिए मोदी जी, कतर के अमीर, विदेश मंत्रालय की टीम और कतर में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों का बहुत आभारी हूं।' कतर अदालत ने सोमवार को सभी आठ पूर्व भारतीय रक्षा कर्मियों को अपनी हिरासत से रिहा कर दिया।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को दी गई थी मौत की सजा
दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले सभी आठ भारतीय नागरिकों को कतर में हिरासत में लिया गया था। इससे पहले, कतर और भारत के बीच राजनयिक वार्ता के बाद जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की मौत की सजा को कारवास में बदल दिया गया था। पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित तौर पर जासूसी करने का आरोप लगने के बाद अक्टूबर 2022 में आठ भारतीय नागरिकों को कतर में कैद कर लिया गया था। भारतीय नागरिकों को कतर की अदालत ने जासूसी का दोषी माना था, और उन आरोपों पर मौत की सजा सुनाई गई थी।
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