El Nino Update: अल नीनो मचाएगा पूरी दुनिया में तबाही, बदल जाएगा यूरोप का मौसम! पृथ्वी का बढ़ने वाला है तापमान

El Nino Update: अल नीनो से सामान्य तौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र का मौसम प्रभावित होता है। सामान्य तौर पर जो मूसलाधार बारिश दक्षिण-पूर्व एशिया या पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में होनी चाहिए वह इस प्रभाव के कारण दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर होती है।

अल नीनो के कारण बढ़ सकता है ग्लोबल वार्मिंग (प्रतीकात्मक फोटो- Pixabay)

El Nino Update: वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि 2024 ऐसा साल हो सकता है जब ग्लोबल वार्मिंग औद्योगीकरण के पहले वाले स्तर के मुकाबले 1.5 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को पार कर सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, तापमान बढ़ने के तमाम कारणों में मौसमी कारक अल नीनो भी महत्वपूर्ण है।

क्या है अल नीनो (what is El Nino)

जब प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी ध्रुवीय क्षेत्र में समुद्र के बड़े हिस्से के सतह का तापमान बढ़ जाता है तो उसे अल नीनो प्रभाव कहते हैं। कई बार यह तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। इस अतिरिक्त तापमान के कारण वातावरण में गर्मी बढ़ जाती है। अल नीनो प्रभाव वाले वर्षों में इस गर्मी के कारण पृथ्वी का तापमान भी बढ़ जाता है।

क्या होता है असर (El Nino Effect)

अल नीनो से सामान्य तौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र का मौसम प्रभावित होता है। सामान्य तौर पर जो मूसलाधार बारिश दक्षिण-पूर्व एशिया या पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में होनी चाहिए वह इस प्रभाव के कारण दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर होती है। इस बदलाव के कारण विभिन्न महादेशों में सूखा और बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है, खाद्यान्न की ऊपज प्रभावित हो सकती है और खुले में खेले जाने वाले खेल जैसे क्रिकेट आदि पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
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