Shiv Sena Symbol पर संग्राम! खफा उद्धव ने EC का लिखा खत, कहा- शिवसेना बालासाहब ठाकरे दे दें नाम

चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद उद्धव गुट को मुंबई के अंधेरी ईस्ट में होने वाले उपचुनाव में अब अलग नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करना होगा। एकनाथ शिंदे गुट को भी अब अलग सिंबल चुनना होगा। जून में शिवसेना के बंटवारे के बाद से दोनों गुट एक-दूसरे पर बाल ठाकरे की विरासत को कलंकित करने का आरोप लगाते रहे हैं।

चुनाव आयोग ने शिवसेना (Shiv sena) के चुनावी चिह्न को फ्रीज कर दिया है। जिसके बाद से एकनाथ शिंदे और उद्धव गुट को अब अलग-अलग चुनाव चिह्न चुनना पड़ेगा। वहीं खबर है कि उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का नाम शिवसेना बालासाहेब ठाकरे देने की मांग की है

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इससे पहले आयोग के फैसले पर उद्धव गुट ने नाराजगी जताई थी, वहीं शिंदे गुट इस फैसले का स्वागत कर रहा था। ठाकरे के वफादार महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के स्थान पर समेकित फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने पीटीआई से कहा- यह अन्याय है।

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वहीं शिवसेना के सांसद और उद्धव ठाकरे समर्थक अरविंद सावंत ने शनिवार को इस फैसले के लिए चुनाव आयोग से नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान का "मजाक" बनाया जा रहा है। चुनाव आयोग के फैसले पर निशाना साधते हुए अरविंद सावंत ने कहा- "जिस तरह से उन्होंने हमारे चुनाव चिह्न को फ्रीज किया है, उसे देखते हुए अदालती कार्यवाही और जांच होनी चाहिए। देश में क्या हो रहा है? संविधान का मजाक बनाया गया है।"

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