वोटिंग से 48 घंटे पहले तक सियासी दलों के ट्विटर हैंडल को अब रहना होगा 'मौन'
Election Commission News: ईसी की तरफ से दो नोटिस भाजपा को और एक-एक नोटिस कांग्रेस और माकपा को भेजा गया है। ईसी ने पाया है कि मतदान के मौके पर इन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए हैं जो कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 126 (1) (बी) के उल्लंघन के दायरे में आता है।
तीन राजनीतिक दलों को ईसी ने भेजा नोटिस।
Election Commission News: भारत में मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव आयोग (EC) के नियम के मुताबिक राजनीतिक पार्टियों का चुनाव प्रचार का शोर थम जाता है। इसके बाद सियासी दल ट्विटर सहित अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए मतदाताओं को अपनी तरफ लुभाने की कोशिश करते हैं। मतदान के दिन या उससे पहले अपने पक्ष में वोट डालने और सत्ताधारी दल को सत्ता से बेदखल करने की अपील भी की जाती है। उनके इस तरह के ट्वीट पर अब चुनाव आयोग (ईसी) ने सख्त रुख अपना लिया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने मतदान से पूर्व एवं मतदान के दिन हुए ट्वीट को लेकर गुरुवार को तीन राजनीतिक दलों-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और माकपा को नोटिस जारी किया। इन ट्वीट्स में या तो वोटर्स से अपने पक्ष में मतदान करने या सत्ताधारी दल को सत्ता से बाहर करने की अपील की गई है।
उल्लंघन होने पर अब कार्रवाई करेगा ECटीओआई की एक रिपोर्ट में ईसी के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 और 27 फरवरी को नगालैंड एवं मेघालय में होने वाले मतदान को लेकर सभी राजनीतिक दलों को यह स्पष्ट संकेत है। मतदान से के मौके पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार न करने का जो प्रतिबंध है, वह सोशल मीडिया पर भी लागू होगा। इसका किसी भी तरह से उल्लंघन करने पर राजनीतकि दलों को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
तीन दलों को भेजा नोटिसईसी की तरफ से दो नोटिस भाजपा को और एक-एक नोटिस कांग्रेस और माकपा को भेजा गया है। ईसी ने पाया है कि मतदान के मौके पर इन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए हैं जो कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 126 (1) (बी) के उल्लंघन के दायरे में आता है। आयोग ने इन तीनों राजनीतिक दलों से अपने इन ट्वीट्स को जल्द से जल्द 'भूल सुधार' करने के लिए कहा है। साथ ही नियम के उल्लंघन पर तीनों सियासी दलों से शुक्रवार तक अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
'फर्जी खबरों' के खिलाफ भी होगा एक्शनयह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने अपने 48 घंटे के प्रतिबंध पर सोशल मीडिया पर सख्ती की है। ईसी को लगता है कि मतदान से ठीक पहले मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर राजनीतिक दल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सोशल मीडिया पर 'गलत तरीके से चीजों' को पोस्ट किए जाने पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। मतदान के दौरान 'फर्जी खबरों' के खिलाफ ईसी कानूनी कार्रवाई करने की भी सोच रहा है।
त्रिपुरा में गुरुवार को 80 प्रतिशत मतदानबता दें कि त्रिपुरा में विधानसभा की 60 सीटों के लिए गुरुवार मतदान हुआ। ईसी ने बताया कि राज्य में करीब 80 प्रतिशत मतदान हुआ लेकिन अंतिम आंकड़े शुक्रवार को सामने आएंगे। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि आयोग से कहीं भी अबतक दोबारा मतदान कराने की मांग नहीं की गई है। राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और वाम दल-कांग्रेस गठजोड़ से है।
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