20 साल में मुझे गालियां देने में डिक्शनरियां खपा दी गईं, पर ये मुझमें 'पोषक तत्व' बन जातीं- बोले PM

पीएम मोदी के मुताबिक, अगर गालियां देने से सूबे का फायदा होता है तब आप उन्हें देते रहिए। अगर हमें गालियां देकर सुविधा-संसाधन बढ़ जाते हैं, किसान खुश हो जाते हैं और स्थितियां बदल जाती हैं, तब आप देते रहिए।

जन सभा के दौरान अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विपक्ष के लोगों ने उन्हें गालियां देने के चक्कर में सारी डिक्शनरियां खपा दीं। उनके पास गालियों के सिवाय कुछ नहीं बचा है। मैं 20-22 साल से तरह-तरह की गालियां खाता आ रहा हूं। ये गालियां मेरे भीतर पोषक तत्वों (न्यूट्रीशियन) के रूप में बदल जाती हैं और फिर जनता की सेवा में काम आती हैं।

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बकौल पीएम, "देखिए, कुछ लोग निराशा, हताशा, भय और अंधविश्वास के कारण सुबह-शाम मोदी (मुझे) को गालियां देते रहते हैं। वे भांति-भांति की गालियां देते हैं। सारी डिक्शनरी मोदी को गालियां देने को खपा दी हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि ऐसी बातों से आप परेशान मत होना। उनके पास गालियों के सिवाय कुछ बचा नहीं है। आपको इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। मैं तो पिछले 20-22 साल से बड़ी वैरायटी की गालियां खा चुका हूं। मेहरबानी कर के इससे जरा भी परेशान न हों। शाम को उन गालियों को चाय पर हंसी-मजाक कीजिए और दूसरे दिन कमल खिलने वाला है, इस खुशी में आगे बढ़िए। अरे, सीना चौड़ा कर के चलिए दोस्तों।"

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देखें, गालियों को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?:

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