झारखंड में सोरेन सरकार गिराना चाहती है बीजेपी, इसीलिए नहीं हुआ चुनाव का ऐलान...संजय राउत का बड़ा आरोप

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं क्योंकि बीजेपी हेमंत सोरेन को सीएम पद से हटाना चाहते हैं, उनकी पार्टी को तोड़ना चाहते हैं

Sanjay Raut

संजय राउत

Sanjay Raut on Jharkhand: झारखंड मुक्ति मोर्चा में टूट और राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच सियासी हलचल और बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है। विपक्षी दलों को इसमें झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश नजर आ रही है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने इसे लेकर बीजेपी को निशाने पर लेते हुए मामला चुनाव तारीखों से जोड़ दिया है। उनका आरोप है कि बीजेपी राज्य में सोरेन सरकार को गिराना चाहती है और इसी वजह से चुनाव का ऐलान नहीं किया गया है।

संजय राउत बोले, बीजेपी गिराना चाहती है झारखंड सरकार

संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं क्योंकि वे (बीजेपी) हेमंत सोरेन को सीएम पद से हटाना चाहते हैं, उनकी पार्टी को तोड़ना चाहते हैं और झारखंड में अस्थिरता लाना चाहते हैं। चुनाव इसलिए स्थगित किए गए हैं। वे इसके लिए समय चाहते हैं। आपने देखा कि कल बैठक के बाद चंपई सोरेन ने क्या कहा। उन्हें महाराष्ट्र और झारखंड में हारने का डर है। उन्हें डर है कि चुनाव में उनकी बुरी तरह हार होगी। वे 'लाडला भाई' योजना के जरिए वोट खरीदना चाहते हैं। चुनाव आयोग संविधान के खिलाफ काम कर रहा है और दबाव में है।

चंपई सोरेन बोले, मुझे मिला अपमान और तिरस्कार

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने के कयास लग रहे हैं। चंपई रविवार को दिल्ली पहुंचे और कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अत्यधिक अपमान झेला जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद उनका यह बयान आया। चंपई सोरेन ने एक्स पर लिखा, इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के पहले सप्ताह में उन्हें बताए बगैर पार्टी नेतृत्व ने अचानक उनके सारी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया।

आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था

चंपई सोरेन ने कहा, पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है और मुझसे कहा गया कि तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते। उन्होंने सवाल किया, क्या लोकतंत्र में इससे अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? चंपई सोरेन ने दावा किया, कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था। उन्होंने लिखा कि भावुक होकर वह आंसुओं को संभालने में लगे थे।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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