इलेक्टोरल बॉन्ड: इन पार्टियों को नहीं मिला एक पैसे का भी चंदा, एक राष्ट्रीय पार्टी भी लिस्ट में शामिल

Electoral Bonds Case: इलेक्टोरल बॉन्ड योजना लागू होने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने घोषणा की थी कि वह चुनावी बॉण्ड के माध्यम से धन प्राप्त नहीं करेगी। लिहाजा पार्टी ने कोई भी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी है। जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP), असदुद्दीन औवैसी की AIMIM और इंडियन नेशनल लोकदल (इनलोदे) को भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई भी रकम प्राप्त नहीं हुई है।

Electoral Bonds

इलेक्टोरल बॉन्ड

Electoral Bonds Case:चुनाव आयोग ने एक दिन पहले इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े नए आंकड़े पेश किए हैं। ये आंकड़े एक सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी। बाद में कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस जानकारी को सार्वजनिक करने को कहा था। चुनाव आयोग की ओर से सामने आई नई जानकारी के मुताबिक, कई राजनीतक दलों को 2019 से 2020 के बीच करोड़ों रुपये का चंदा मिला है। इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) टॉप पर है, जिसे 6,986.5 करोड़ रुपये का चंदा मिला।

इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपये), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपये) और भारत राष्ट्र समिति (1,322 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। हालांकि, कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जिन्हें इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से एक भी पैसे का चंदा नहीं मिला है। दरअसल, इन दलों ने सुप्रीम कोर्ट को इससे संबंधित कोई भी जानकारी नहीं सौंपी है। इसमें एक राष्ट्रीय पार्टी भी शामिल है।

इन पार्टियों को नहीं मिला एक भी पैसे का चंदा

इलेक्टोरल बॉन्ड योजना लागू होने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने घोषणा की थी कि वह चुनावी बॉण्ड के माध्यम से धन प्राप्त नहीं करेगी। लिहाजा पार्टी ने कोई भी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी है। जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP), असदुद्दीन औवैसी की AIMIM और इंडियन नेशनल लोकदल (इनलोदे) को भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई भी रकम प्राप्त नहीं हुई है। इन सभी पार्टियों की ओर से कोई भी जानकारी कोर्ट में नहीं दी गई है।

किस पार्टी को मिला कितना चंदा

पार्टी चंदा
बीजेपी6,986.5 करोड़
तृणमूल कांग्रेस1,397 करोड़
कांग्रेस 1,334 करोड़
भारत राष्ट्र समिति 1,322 करोड़
बीजद 944.5 करोड़
द्रमुक 656.5 करोड़
वाईएसआर कांग्रेस442.8 करोड़
(सेक्युलर)तेदेपा181.35 करोड़
जनता दल 89.75 करोड़
शिवसेना 60.4 करोड़
राजद56 करोड़
समाजवादी पार्टी 14.05 करोड़
अकाली दल7.26 करोड़
अन्नाद्रमुक 6.05 करोड़
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट 50 लाख
नेशनल कॉन्फ्रेंस50 लाख
आम आदमी पार्टी 69 करोड़
पहले और बाद के आंकड़ों में कितना अंतर

शुरुआत में एसबीआई द्वारा प्रस्तुत आंकड़ा 12 अप्रैल, 2019 से पिछले महीने शीर्ष अदालत द्वारा बॉण्ड को खत्म करने तक की अवधि से संबंधित था, वहीं नवीनतम खुलासा पिछले साल नवंबर में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा 2018 की शुरुआत में योजना शुरू होने के बाद से उनके द्वारा भुनाए गए बॉण्ड पर दी गई घोषणाओं पर आधारित है और इसमें अंतिम कुछ किस्तों को शामिल नहीं किया गया है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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