Electoral Bond Data: राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले ये हैं टॉप डोनर्स, देखें लिस्ट

Electoral Bond Data: कांग्रेस ने पूछा है कि यह विवरण अप्रैल 2019 की अवधि से संबंधित क्यों है, जबकि यह योजना 2017 में शुरू की गई थी। कांग्रेस के संचार विभाग में अनुसंधान और निगरानी के प्रभारी अमिताभ दुबे ने कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना 2017 में शुरू की गई।

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चुनावी चंदे की जानकारी चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर दी है।

Electoral Bond Data: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार शाम को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली कंपनियों एवं व्यक्तियों का डाटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनावी चंदे का डाटा 12 मार्च को चुनाव आयोग को दे दिया था। इस डाटा को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कोर्ट ने आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक का समय दिया था लेकिन ईसी ने एक दिन पहले ही इसे अपलोड कर दिया। डाटा के मुताबिक चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।

सबसे ज्यादा कीमत के चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों के नाम-

कंपनियांचंदा रुपए में
फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज - Rs 1,368 करोड़
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड - Rs 966 करोड़
क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड - Rs 410 करोड़
वेदांता लिमिटेड - Rs 400 करोड़
हल्दिया एनर्जी लिमिटेड - Rs 377 करोड़
भारती ग्रुप - Rs 247 करोड़
एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड - Rs 224 करोड़
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन - Rs 220 करोड़
केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड Rs 194 करोड़
मदनलाल लिमिटेड Rs 185 करोड़
डीएलएफ ग्रुप - Rs 170 करोड़
यशोदा सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल - Rs 162 करोड़
उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल - Rs 145.3 करोड़
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड - Rs 123 करोड़
बिड़ला कार्बन इंडिया - Rs 105 करोड़
रूंगटा संस - Rs 100 करोड़
डॉ रेड्डीज - Rs 80 करोड़
पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप - Rs 60 करोड़
नवयुग इंजीनियरिंग - Rs 55 करोड़
शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स - Rs 40 करोड़
एडलवाइस ग्रुप - Rs 40 करोड़
सिप्ला लिमिटेड - Rs 39.2 करोड़
लक्ष्मी निवास मित्तल - Rs 35 करोड़
ग्रासिम इंडस्ट्रीज - Rs 33 करोड़
जिंदल स्टेनलेस - Rs 30 करोड़
बजाज ऑटो - Rs 25 करोड़
सन फार्मा लैबोरेटरीज - Rs 25 करोड़
मैनकाइंड फार्मा - Rs 24 करोड़
बजाज फाइनेंस - Rs 20 करोड़
मारुति सुजुकी इंडिया - Rs 20 करोड़
अल्ट्राटेक - Rs 15 करोड़ रुपये
टीवीएस मोटर्स - Rs 10 करोड़
आंकड़ों के मुताबिक चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी शामिल है।

कांग्रेस ने विसंगतियों का जिक्र किया

कांग्रेस ने पूछा है कि यह विवरण अप्रैल 2019 की अवधि से संबंधित क्यों है, जबकि यह योजना 2017 में शुरू की गई थी। कांग्रेस के संचार विभाग में अनुसंधान और निगरानी के प्रभारी अमिताभ दुबे ने कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना 2017 में शुरू की गई, लेकिन प्रस्तुत आंकड़े अप्रैल 2019 से हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘दाताओं की फाइल में 18,871 प्रविष्टियां हैं, प्राप्तकर्ताओं की फाइल में 20,421 प्रविष्टियां हैं। यह विसंगति क्यों है?’ दुबे के पोस्ट को टैग करते हुए कांग्रेस सांसद और आंध्र प्रदेश के पार्टी प्रभारी मनिकम टैगोर ने विसंगति का जिक्र करते हुए कहा, ‘क्या यह संयोग है? मुझे लगता है नहीं।’

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