रामायण वार्ता के जरिए संस्कृत और संस्कृति पर जोर, दुर्ग से सांसद विजय बघेल ने संभाली कमान
Ramayana Varta: दुर्ग से सांसद विजय बघेल ने कहा कि इस कार्य के लिए टीम भी गठित कर ली गई है, इसका प्रकाशन पहले चरण में नई दिल्ली से ही होगा, फिर अगले चरण में धीरे-धीरे भारत के हर राज्य से इसका प्रकाशन शुरू करवाने का प्रयत्न करेंगे। उन्होंने देश के युवाओं से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
विजय बघेल, दुर्ग सांसद, छत्तीसगढ़
- सांसद के नेतृत्व में होगा ‘रामायण वार्ता’ का संस्कृत में प्रकाशन
- संस्कृत और संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए रामायण रिसर्च काउंसिल का है प्रकल्प ‘रामायण वार्ता’
- सांसद ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे प्रसार, पीएम को भी विषय से अवगत कराएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर विषय से अवगत कराएंगे
सांसद ने कहा कि संस्कृत भाषा देव भाषा है और यह सारी भाषाओं की जननी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संस्कृत भाषा को सबलता प्रदान करने के लिए बहुत समय से प्रयासरत रहे हैं, लेकिन अब वक्त आ गया है कि विश्व को इस भाषा के प्रभाव से अवगत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें इस विषय की जानकारी देंगे और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका कैसे प्रसार हो, इस पर कार्य करेंगे।
क्या होगा रामायण वार्ता का कंटेंट
इसमें श्रीरामचरितमानस और रामायण पर आधारित विशेष आलेख के साथ, खोती जा रही हमारी कला-संस्कृति तथा लोक-परंपरा, श्रीराम कथावाचक एवं समाज में अच्छा कार्य करने वाले सम्मानितों के साक्षात्कार, वैदिक ज्ञान पर आधारित आलेख के साथ राष्ट्र-निर्माण और समाज-निर्माण से संबंधित पहलुओं पर विशेष प्रकाश डाला जाएगा।
डिजिटल भी लॉन्च होगी ‘रामायण वार्ता’
रामायण वार्ता को केवल प्रकाशित ही नहीं, बल्कि डिजिटल रूप में भी लॉन्च किया जाएगा। सांसद श्री बघेल ने कहा कि 30 मार्च को राम नवमी के शुभ अवसर पर रामायण वार्ता डॉट कॉम को हम लॉन्च करेंगे। उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट पर भी आलेख पूर्णतः संस्कृत भाषा में ही होंगे, परंतु हर आलेख के अंत में उस आलेख के प्रमुख शब्दों के अर्थ उल्लेखित होंगे, जिससे पाठक किसी बिना परेशानी के उस आलेख को पढ़ सकें।
सीतामढ़ी में 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित कर रही काउंसिल
रामायण रिसर्च काउंसिल माता सीताजी के प्राकट्य-स्थल सीतामढ़ी (बिहार) में 251 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना की दिशा में कार्य कर रही है। 51 शक्तिपीठों से मिट्टी एवं जल लाकर काउंसिल द्वारा पहली बार माता सीताजी के भगवती के रूप में स्थापित किया जा रहा है। काउंसिल की ओर से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। काउंसिल के सदस्यों में अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्र, संयोजक देव रत्न शर्मा, उपाध्यक्ष जयकांत सिंह, महासचिव कुमार सुशांत, सचिव पिताम्बर मिश्र, रामायण वार्ता के सलाहकार संपादक शैलेश पांडेय, रामायण मंच के अध्यक्ष नवीन कुमार, लीगल सेल के प्रभारी अवधेश सिंह, प्रवक्ता जय दीक्षित, आईटी हेड सुभाष झा, कॉरपोरेट सेल के हेड केवल कपूर, शशांक सिंह, विकास वर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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