ET Now Global Business Summit 2024: ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट का आज से आगाज, पीएम मोदी पेश करेंगे न्यू इंडिया का रोडमैप

ET Now Global Business Summit 2024(जीबीएस 2024): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट (जीबीएस 2024) की अध्यक्षता करेंगे और नए भारत की पटकथा पर अपना रोडमैप सामने रखेंगे। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह दूसरे दिन मुख्य वक्ता होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य अतिथि ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024

PM Modi ET Now Global Business Summit 2024(जीबीएस 2024): टाइम्स ग्रुप के ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट का 8वां संस्करण का आगाज आज से नई दिल्ली के ताज पैलेस में हो रहा है। इस ग्लोबल बिजनेस समिट में दुनिया की राजनीति, अर्थव्यवस्था और कूटनीति को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंथन होगा। ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट के मंच पर दुनिया भर के ग्लोबल लीडर, बिजनेस टाइकून और नीति निर्माता एक साथ नजर आएंगे। मुश्किल जियो-पॉलिटक्स के इस दौर में ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस सहयोग, संवाद और रणनीतिक जुड़ाव के एक प्रतीक के रूप में खड़ा है। बिजनेस समिट के पहले दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यू इंडिया का अपना विजन पेश करेंगे। पीएम मोदी की अध्यक्षता में पहले दिन इस बिजनेस समिट का आगाज होगा।

ग्लोबल बिजनेस समिट 2024: पीएम मोदी करेंगे अध्यक्षता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट की अध्यक्षता करेंगे और नए भारत की पटकथा पर अपना रोडमैप सामने रखेंगे। प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकालों के बाद, उनकी लोकप्रियता तो बढ़ी ही है साथ ही उनके नेतृत्व को ग्लोबल लीडर्स ने भी सराहा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शामिल है। वैश्विक सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेंसेक्स और ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत को मिली पहचान से भारत खुद को एक ताकत के रूप में परिभाषित कर रहा है।

ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट: अमित शाह करेंगे शिरकत

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह दूसरे दिन मुख्य वक्ता होंगे। अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने और इसे वास्तविकता में बदलने के लिए बिजनेस समिट में अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे। वे भारतीय राजनीति के चाणक्य के रूप में लोकप्रिय हैं। उनके रणनीतिक राजनीतिक कौशल के तहत एनडीए को जोरदार सफलता हासिल हुई है। किसी देश की आर्थिक वृद्धि सीधे तौर पर राजनीतिक स्थिरता से जुड़ी होती है और यही स्थिरता है जिसने भारत को उस आर्थिक पथ पर ला खड़ा किया है जिसे वह आज देख रहा है।
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