China: 3 साल बाद भी गलवान और तवांग की मार नहीं भूल पा रहा चीन, LAC पर कर रहा ये खतरनाक काम

China on LAC: गलवान के खूनी संघर्ष को अब लगभग तीन साल होने को आए हैं, लेकिन चीन अब तक गलवान और तवांग की मार से उबर नहीं सका है, यही वजह है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन ने अपने युद्धाभ्यास की संख्या पिछले तीन सालों में ती गुना से ज्यादा बढ़ा दी है।

चीन अब अपने सैनिकों को इस इलाके में बेहतर ढंग से लड़ने की ट्रेनिंग देने में जुटा है

Galvan and Tawang: चीन ने फरवरी के आखिरी सप्ताह से शुरू कर एक लंबा युद्धाभ्यास पूरा किया है। इस युद्धाभ्यास की खासियत है कॉन्बैट मोबिलाइजेशन ड्रिल यानी युद्ध की शुरुआत में किस तरह से अपने हजारों सैनिकों हथियारों इक्विपमेंट और गाड़ियों को कम से कम वक्त में एलएसी पर डेप्लाई किया जाए उसके लिए चीन लगातार एक्सरसाइज कर रहा है। खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक चीन ने पिछले एक साल में आधा दर्जन से ज्यादा मोबिलाइजेशन स्ट्रैटेजिक कैपेबिलिटी और सपोर्ट की ड्रिल्स की हैं।

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2020 में जून के महीने में गलवान में हुए संघर्ष के बाद पहली बार चीन ने लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने 50,000 से ज्यादा सैनिक, भारी-भरकम हथियार और एस्टेब्लिशमेंट्स को डेप्लाई किया, क्योंकि इस संघर्ष में चीन को भारत के हाथों मजबूत जवाब मिला था। भारत ने अपने 20 वीर जवानों को खोया लेकिन चीन को 40 से ज्यादा सैनिकों को खोकर दोगुनी कीमत चुकानी पड़ी थी। इसी का नतीजा है कि चीन अब अपने सैनिकों को इस इलाके में बेहतर ढंग से लड़ने की ट्रेनिंग देने में जुटा है।

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अपनी कॉम्बैट मोबिलाइजेशन क्षमता को परखना शुरू कर दिया है

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