Air Pollution:देश में हर 5 वीं मौत वायु प्रदूषण से ! दिल्ली-हरियाणा को यहां सबसे ज्यादा नुकसान
Air Pollution In India: लॉन्सेंट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल दमघोटूं हवा के कारण समय से पहले 16.7 लाख लोग जान गवां देते हैं। दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 30 शहरों में से 21 भारत में हैं। इसमें भी मौत की सबसे बड़ी वजह PM (Particulate Matter)है।
खतरनाक होता वायु प्रदूषण
मुख्य बातें
- अकेले PM का लेवल ज्यादा होने से 9.8 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
- साल 2024 तक 122 शहरों में 20-30 फीसदी प्रदूषण का स्तर कम करने का लक्ष्य है।
- वायु प्रदूषण की वजह से इकोनॉमी को सालाना 37 अरब डॉलर का नुकसान है।
Air Pollution In India: देश में एक बार फिर प्रदूषण चर्चा में है। इस चर्चा का केंद्र दिल्ली और उसके पास के इलाके हैं। हालात यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में दिल्ली में कई इलाकों में AQI लेवल 10 गुना तक बढ़ चुका है। दमघोंटू हवा को देखते हुए दिल्ली सरकार हरकत में आई है और उसने कक्षा 5 तक के प्राइमरी स्कूल को शनिवार (5 अक्टूबर) से बंद करने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम, डीजल वाहनों पर रोक लगाने जैसे कदमों का ऐलान किया है। इसी तरह यूपी के नोएडा में भी स्कूल बंद कर दिए गए है। इस तरह के कदम अब एक तरह से पिछले कुछ वर्षों से रूटीन बन गए हैं। लेकिन इसका ठोस हल निकलता नहीं दिख रहा है। और इसी का असर है कि साल 2021 में आई लॉन्सेंट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल दमघोटूं हवा के कारण समय से पहले 16.7 लाख लोग जान गवां देते हैं। दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 30 शहरों में से 21 भारत में हैं।संबंधित खबरें
देश | PM 2.5 लेवल (μg/m³) |
बांग्लादेश | 76.9 |
चाड | 75.9 |
पाकिस्तान | 66.8 |
ताजिकिस्तान | 59.4 |
भारत | 58.1 |
वायु प्रदूषण से हर 5 वीं मौत संबंधित खबरें
लॉन्सेट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में 16.7 लाख भारतीयों ने वायु प्रदूषण की वजह से समय से पहले जान गंवा दी। जो कि भारत में होनी वाली कुल मौतौं का 17.8 फीसदी है। यानी देश में हर पांचवीं मौत वायु प्रदूषण से हो गई। और इसमें भी मौत की सबसे बड़ी वजह PM (Particulate Matter)हैं। इसकी वजह से 16.7 लाख लोगों में से 9.8 लाख लोग शिकार हो रहे हैं। जबकि घरों में होने वाले वायु प्रदूषण से करीब 6 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2000-2019 के दौरान घरों में होने वाले वायु प्रदूषण में 64 फीसदी की कमी भी आई है। लेकिन बाहरी प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है।संबंधित खबरें
दिल्ली-हरियाणा को सबसे ज्यादा नुकसानसंबंधित खबरें
रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण की वजह से भारतीय इकोनॉमी को भारी नुकसान हो रहा है। जो कि कुल जीडीपी का 1.36 फीसदी है। जो कि सालाना करीब 37 अरब डॉलर का नुकसान है। इसके तहत सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली और हरियाणा को हो रहा है। इसके तहत इन राज्यों को प्रति व्यक्ति इकोनॉमिक नुकसान सबसे ज्यादा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।संबंधित खबरें
नई दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी
स्रोत: World Air Quality Report-2021
रैकिंग | देशों की राजधानी |
1 | नई दिल्ली |
2 | ढाका |
3 | अन् ड्जमेना |
4 | दुशांबे |
5 | मस्कट |
6 | काठमांडू |
7 | मनामा |
8 | बगदाद |
9 | बिश्केक |
10 | ताशकंद |
World Air Quality Report 2021 के अनुसार दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में 63 भारत के शहर हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि भारत के लिए 2024 तक अपने लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं होगा। नेशनल एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत देश के 122 शहरों की पहचान की गई है। जहां पर वायु प्रदूषण का स्तर बेहद ज्यादा है। और इसके तहत 2024 तक इस बात का लक्ष्य रखा गया है कि PM2.5 के स्तर में 2017 के मुकाबले 20-30 फीसदी तक कमी लाई जाय।संबंधित खबरें
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