एलएसी पर चीन की हर चाल होगी नाकाम, 'अपाचे हेलीकॉप्टर' से मिलेगी सेना को और ताकत

एलएसी पर चीन से निपटने के लिए सेना के एविएशन को अपाचे हेलीकॉप्टर की ताकत मिलेगी, जल्द ही इन हेलीकाप्टर को शामिल करने का काम शुरू होगा।

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अपाचे से भारतीय फौज को मिलेगी और ताकत

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने जमीनी डेप्लॉयमेंट को बढ़ाने के साथ-साथ अब भारतीय सेना अपनी एविएशन ब्रिगेड की ताकत को और ज्यादा बढ़ा रही है। इसके लिए भारतीय सेना की एविएशन विंग एलसीएच के साथ-साथ अटैक हेलीकॉप्टर AH 64 अपाचे के इंडक्शन की तैयारी में भी जुटी है। देश में बने प्रचंड के साथ अब अमेरिका के अपाचे हेलीकॉप्टर से अपनी आसमानी ताकत को बढ़ा बढ़ाने के लिए सेना ने अपने पायलट और टेक्निकल ग्रुप मेंबर्स को अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले साल सेना को अपाचे का पहला अटैक हेलीकॉप्टर मिलेगा और उसके बाद जल्द ही पांच और अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स मिल सकेंगे। जनवरी 2023 में ही टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड और बोइंग के ज्वाइंट वेंचर टाटा बोईंग एयरोस्पेस लिमिटेड ने सेना के पहले अपाचे का फ्रेम तैयार किया और डीजी आर्मी एविएशन को इसे सौंप दिया। यह फैसिलिटी हैदराबाद में है, इसके बाद इसे अमेरिका के एरिजोना में बोइंग की फैसिलिटी में भेजा जाएगा जहां दुनिया की तमाम तकनीकों से लैस कर भारतीय सेना के लिए सबसे ताकतवर अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर बनकर तैयार होगा ।

भारतीय सेना को मिल सकेंगे लगभग डेढ़ दर्जन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

2015 में सरकार ने अमेरिका से 39 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था जिसके बाद भारतीय वायुसेना को 22 अपाचे हेलीकॉप्टर दिए जा चुके हैं। अब बाकी 17 में से पहले 6 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स अगले 2 सालों के भीतर भारतीय सेना में शामिल हो जाएंगे और सेना की कोशिश है कि बाकी के 11 अपाचे भी सेना को ही मिल सके क्योंकि भारतीय सेना लगातार जमीन के साथ-साथ आसमान में भी अपनी ताकत को बढ़ाने पर जोर दे रही है।

भारतीय सेना के यह है तीन एविएशन ब्रिगेड

सेना ने अब तक पूरे देश में 3 बड़े एविएशन ब्रिगेड तैयार कर लिए हैं, जिसमें से पहला मिसामारी आसाम में है जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के नजदीक होने वाले ऑपरेशंस के लिहाज से बेहद अहम है, दूसरा एविएशन ब्रिगेड लेह में है जहां से पूर्वी लद्दाख में चीन की चालबाजी को रोकने के लिए लगातार ऑपरेशंस में मदद कर रहा है। भारतीय सेना का तीसरा एविएशन ब्रिगेड जोधपुर में तैयार किया गया है जो पश्चिमी सीमा के बेहद नजदीक है, यहां से पाकिस्तान की सीमा की निगरानी और सेना के हवाई ऑपरेशंस किए जा रहे हैं। इन ब्रिगेड से भारतीय थलसेना के यूटिलिटी हैलिकॉप्टर, अटैक हैलिकॉप्टर और यूएवी को ऑप्रेट किया जा रहा है। अटैक हैलिकॉप्टर में अब तक सेना स्वदेशी एडवांसड लाइट हैलिकॉप्टर के वेपेनाइजड वर्जन रूद्र का इस्तेमाल कर रही है।भारतीय सेना कुल 75 रुद्र अटैक हैलिकॉप्टर को ऑप्रेट कर रही है। थलसेना के अटैक पावर को बढ़ाने के लिए HAL निर्मित लाइट कॉंबेट हैलिकॉप्टर प्रचंड के भी शामिल किया है। इस अटैक हैलिकॉप्टर का पहला स्क्वाड्रन इस्टर्न मिसामारी एवियेशन ब्रिगेड में स्थापित किया जा रहा है। फ़िलहाल भारतीय थलसेना के एवियेशन कोर को 3 प्रचंड लाइट कॉंबेट हैलिकॉप्टर मिल चुके हैं और जल्द ही आधिकारिक तौर पर इसके स्क्वाड्रन को स्थापित किया जाएगा … भारतीय थलसेना कुल 95 प्रचंड अपने एवियेशन कोर में शामिल कर इनकी तैनाती हाई ऑलटेट्यूड और पहाड़ी इलाक़ों में करने का प्लान कर रही है।

अपनी एयर स्ट्रैंथ बढ़ा रही है भारतीय सेना

कई बार ऑपरेशनल एरिया में भारतीय सेना को लॉजिस्टिक्स और मोबिलाइजेशन के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स की मदद लेनी पड़ती है। सेना की कोशिश है कि वह अपने हेलीकॉप्टर्स स्क्वाड्रन की संख्या को बढ़ाकर अपने एयर ऑपरेशंस को पुख्ता कर सके। इसके लिए भारत में बनाए गए लाइट कॉन्बैट हेलीकॉप्टर भी सेना को दिए जा रहे हैं, फिलहाल भारतीय सेना के पास एचएल द्वारा बनाए गए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर मौजूद है जो सीमा पर लगातार ऑपरेशनल है। भारतीय सेना जमीन पर अपनी कॉम्बैट कैपेबिलिटीज को बढ़ाने के लिए तमाम तरह की एक्सरसाइजस कर रही है इन्हीं में से हवाई अटैक की ट्रेनिंग भी लगातार जारी है, जिसमें सेना अपने रुद्र और प्रचंड हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल भी कर रही है। जल्द ही सेना को अपाचे मिल जाने से हवा में उसके अटैक की क्षमता और ज्यादा बढ़ जाएगी। सूत्रों के मुताबिक़ अपाचे को ऑप्रेट करने के लिए आर्मी एवियेशन कोर के 4 पायलट और 7 लोगों का टैक्निकल टीम की ट्रेनिंग भी नवंबर महीने से शुरू हो चुकी है ।

क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत?

अपाचे की खासियत की बात करें तो ये अटैक हैलिकॉप्टर दुनिया के सबसे ताकतवर हैलिकॉप्टर में शुमार है । इसका इस्तेमाल अफगानिस्तान और इराक सहित कई अन्य कॉन्फ़्लिक्ट में किया गया है। दो सीट वाले इस हैलिकॉप्टर में हैलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल के अलावा 30 mm की एक मशीन गन लगी है । इस हैलिकॉप्टर में आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिससे यह रात के अंधेरे में भी आसानी के किसी भी अटैक ऑप्रेशन को अंजाम दे सकता है । यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हुए किसी भी मौसम और टेरेन में फ़ुल लोड के साथ अटैक कर सकता है।

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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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