इन सवर्णों को मिलेगा नौकरी-शिक्षा में आरक्षण,जनरल की मेरिट पर दिखेगा असर ! बदलेगी राजनीति

Supreme Court Gives Nod To EWS Reservation:5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ में से 3 ने EWS आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन नहीं माना है। यानी देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण नौकरी और शिक्षा क्षेत्र में जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मोदी सरकार के लिए बड़ा बूस्ट है।

मुख्य बातें
  • आर्थिक आधार पर आरक्षण का मुद्दा विपक्ष उठा सकता है।
  • मोदी सरकार के लिए सवर्ण वोट बैंक को मजबूती से बनाए रखना आसान होगा।
  • देश के 10 फीसदी वेतन भोगी 25000 रूपये की आय करते हैं।

Supreme Court Gives Nod To EWS Reservation:साल 2019 के लोक सभा चुनाव के कुछ महीने पहले जब जनवरी में मोदी सरकार ने सवर्णों में आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक संसद से पारित कराया था। तो उसी वक्त यह तय हो गया था, कि मोदी सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है, जिस पर राजनीति दलों से लेकर कानूनविद सवाल उठाएंगे। अब करीब 46 महीने बाद उसकी संवैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने 3-2 के फैसले के साथ मुहर लगा दी है।

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5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ में से 3 ने EWS आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन नहीं माना है। यानी देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण नौकरी और शिक्षा क्षेत्र में जारी रहेगा। ऐसे में इस फैसले से किसे फायदा मिलेगा और कौन उसके लिए पात्र है, यह पहला सवाल है। दूसरा सवाल है कि इस फैसले से मेरिट सिस्टम में क्या बदलाव आएगा और जनरल कैटेगरी की कट ऑफ लिस्ट पर किस तरह का असर होगा। तीसरा सबसे अहम सवाल है कि इस फैसले का भारत की आरक्षण राजनीति पर क्या असर होगा?

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किसे मिलेगा फायदा

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