'कत्ल की रात' : जब आधी रात को PM मोदी ने इमरान से बात करने से मना कर दिया, 9 मिसाइलों के निशाने पर था पाकिस्तान

Ajay Bisaria Book: पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी किताब- एंगर मैनेजमेंट : 'द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशन्स बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में कहा है कि 'पाकिस्तान को निशाना बनाकर उसकी तरफ 9 मिसाइलें तैनात थीं, ये मिसाइलें किसी भी वक्त छोड़ी जा सकती थीं।

pm khan

14 फरवरी 2019 को हुआ था पुलवामा में हमला।

Ajay Bisaria Book: 2019 के पुलवामा हमले के बाद विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान की कैद से छुड़ाने के लिए भारत किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार था, अब इस बारे में सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति दर्शाने वाली एक और खुलासा हुआ है। पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी किताब- एंगर मैनेजमेंट : 'द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशन्स बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में कहा है कि 'पाकिस्तान को निशाना बनाकर उसकी तरफ 9 मिसाइलें तैनात थीं, ये मिसाइलें किसी भी वक्त छोड़ी जा सकती थीं। इससे पाकिस्तान सरकार डर गई। आधी रात के समय पाकिस्तान सरकार के लोगों ने उनसे संपर्क किया। पाकिस्तान चाहता था कि तनाव कम करने के लिए वह इमरान खान की पीएम मोदी से बात कराएं।'

'पीएम ने 27 फरवरी की रात को 'कत्ल की रात' बताया था'

बिसारिया का कहना है कि पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली में 27 फरवरी की रात को 'कत्ल की रात' बताया था। बिसारिया के मुताबिक आधी रात के समय उन्हें भारत में तत्कालीन पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहैल महमूद का फोन आया। बिसारिया उस समय इस्लामाबाद में थे। सोहैल ने कहा कि खान पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं। इसके बाद बिसारिया ने दिल्ली में सरकार के लोगों से बात की और फिर महमूद को बताया कि पीएम मोदी अभी बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं और ऐसी कोई जरूरी संदेश यदि है तो इसे उच्चायुक्त को दिया जा सकता है। इसके बाद महमूद ने उन्हें फोन नहीं किया।

भारत किसी भी हद तक जा सकता था

इसके अगले दिन यानी 28 फरवरी को इमरान खान ने संसद में अभिनंदन की रिहाई की घोषणा की। हालांकि अभिनंदन की रिहाई के बारे में पाकिस्तान का कहना है कि उसने शांति एवं सौहार्द के लिए भारतीय पायलट को रिहा किया लेकिन हकीकत कुछ दूसरी है। सऊदी अरब, अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के राजनयिकों ने पाकिस्तान को चेताया कि भारतीय पायलट को यदि किसी तरह को नुकसान पहुंचा तो भारत किसी भी हद तक जा सकता है। वह अभिनंदन की सकुशल रिहाई के लिए बहुत गंभीर है। इस बात से पाकिस्तान वाकई में बहुत डर गया। 26 फरवरी की घटना के बाद पाकिस्तान ने इन राजनयिकों को कम समय के अंतराल में तीन बार बुलाया था।

'पाकिस्तान की सरकार डर गई थी'

भारत सरकार ने हालांकि कभी भी अधिकारिक रूप से यह नहीं कहा है कि अभिनंदन की रिहाई के लिए उसने पाकिस्तान की तरफ मिसाइलें तैनात की थीं। लेकिन बिसारिया ने अपनी किताब में बताया है कि भारत की तैयारी देखकर कैसे वहां की सेना एवं पाकिस्तान सरकार डर गई थी।

पुलवामा में क्या हुआ था

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए। इसके 13 दिन बात भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान कश्मीर में पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट की घुसपैठ की निगरानी कर रहे थे। इस दौरान वे पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में चले गए, उनके एयरक्राफ्ट पर पाकिस्तानी एफ-16 ने मिसाइल दाग दी। अभिनंदन खुद को विमान से इजेक्ट (बाहर निकलने) करने में कामयाब रहे। हालांकि वे पाकिस्तानी सेना के हाथ लग गए। इसके बाद अभिनंदन की सुरक्षित रिहाई कराना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

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