विदेश मंत्री एस जयशंकर की बेहतरीन कूटनीति, अमेरिका को उसी की भाषा में भारत ने दिया जवाब

ये जग जाहिर है कि अमेरिका हमेश से दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में टांग अड़ाता आया है लेकिन इस बार अमेरिका को भारत के अंदरूनी मामले में दखल देना महंगा पड़ गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो ट्रंप के मामले पर नज़र गढ़ाए हुए है।

राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के मामले में टिप्पणी को लेकर अमेरिका को भारत ने करारा जवाब दिया है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर अमेरिका ने जो कुछ भी कहा था भारत ने ट्रंप मामले पर अमेरिका को अब उसी की भाषा में समझा दिया है।

ये जग जाहिर है कि अमेरिका हमेश से दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में टांग अड़ाता आया है लेकिन इस बार अमेरिका को भारत के अंदरूनी मामले में दखल देना महंगा पड़ गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो ट्रंप के मामले पर नज़र गढ़ाए हुए है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि नई दिल्ली ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभियोग का संज्ञान लिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि आगे की कार्रवाई के बारे में अमेरिकी संस्थानों और प्रणालियों को तय करना है।

उससे पहले विदेश मंत्री ने कहा था कि पश्चिमी देशों को लंबे समय से दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत रही है और वे सोचते हैं कि अन्य देशों के आंतरिक मामले में उनके पास बोलने का ईश्वर प्रदत्त अधिकार है। उन्होंने कहा- "(इसके) दो कारण हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पश्चिम में लंबे समय से दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है। वे यही सोचते हैं कि ऐसा (दूसरों पर टिप्पणी) करना किसी न किसी रूप में उनका ‘ईश्वर-प्रदत्त अधिकार’ है। उन्हें केवल अनुभव से सीखना होगा कि यदि आप टिप्पणी करना जारी रखते हैं तो आपके खिलाफ दूसरे भी टिप्पणी करना शुरू कर देंगे और ऐसा यदि होता है तो उन्हें पसंद नहीं आएगा। मैं देख रहा हूं कि ऐसा हो रहा है।"

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