अदालत ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित, क्या मिलेगी राहत?

अरविंद केजरीवाल को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर कल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया। इसके बाद उन्हें 3 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

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अरविंद केजरीवाल

Arvind Kejriwal: दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी 'घोटाले' से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने याचिका पर आरोपी और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा। अदालत ने बुधवार को इस मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी थी। आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को, उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर कल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया। इस दौरान विशेष जज न्याय बिंदु ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि तीन जुलाई तक बढ़ा दी।

ईडी ने किया विरोध , कहा- हमारे पास हैं सबूत

गुरुवार को मामले पर आदेश सुरक्षित रखने से पहले राउज एवेन्यू कोर्ट के न्यायाधीश नयाय बिंदु ने दो दिनों तक मामले की सुनवाई की। जज ने पहले संकेत दिया था कि वह मामले को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखना चाहती और सभी वकीलों से अपनी दलीलें संक्षिप्त रखने को कहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि ईडी के पास यह साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत हैं कि अपराध की आय का एक हिस्सा गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान गोवा में आम आदमी पार्टी के संयोजक के होटल में ठहरने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

कहा- होटल में केजरीवाल के ठहरने का किया गया भुगतान

उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के पास यह साबित करने के लिए टेलीफोन कॉल और कॉल डेटा रिकॉर्ड के रूप में दस्तावेजी सबूत भी हैं कि कथित तौर पर गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी के अभियान के लिए धन का प्रबंधन करने वाले सह-आरोपी चनप्रीत सिंह ने अलग-अलग अंगड़ियों से 45 करोड़ रुपये नकद हासिल किए थे। साथ ही गोवा में अरविंद केजरीवाल के होटल में ठहरने का भुगतान भी उनके खाते से किया गया था। राजू ने कहा कि इन अंगड़ियों के पास से जो टोकन नंबर बरामद हुए हैं, उनका सीधा संपर्क अरविंद केजरीवाल से है। ऐसा नहीं है कि ईडी हवा में जांच कर रही है। ठोस सबूत हैं।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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