Delhi: अब इस शराब कारोबारी को मिली राहत, आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Money Laundering Case: दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाला मामले में अदालत ने आम आदमी पार्टी को एक बार फिर बड़ी राहत दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में आप के स्वयंसेवक और शराब कारोबारी को जमानत दी। आपको बताते हैं, किस-किसको जमानत मिली है।

दिल्ली हाई कोर्ट।

Excise Policy: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के स्वयंसेवक चनप्रीत सिंह रयात और शराब कारोबारी समीर महेन्द्रू को जमानत दे दी। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने दोनों आरोपियों की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘जमानत दी जाती है।’’ इस मामले की जांच ईडी कर रहा है।

दिल्ली सरकार ने कब लागू की

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी के अनुसार, 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया गया।

रयात को कब किया था गिरफ्तार

ईडी ने 12 अप्रैल को धन शोधन मामले में रयात को गिरफ्तार किया, जिसने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के अभियान के लिए कथित तौर पर नकद धन का ‘प्रबंधन’ किया था। इस मामले में महेंद्रू को ईडी ने 28 सितंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। संघीय एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रयात ने 2022 के गोवा चुनाव में आप के अभियान के लिए नकद भुगतान का ‘प्रबंधन’ किया और दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी के साथ उनका ‘संबंध’ था।

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