सवाल के बदले पैसे मामले में मोइत्रा के खिलाफ हलफनामे का क्या है सच, TMC MP के आरोपों पर क्या बोले हीरानंदानी, देखिए Exclusive Interview

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया था हलफनामा न तो आधिकारिक लेटरहेड पर था और न ही नोटरीकृत था। हालांकि, बाद में हलफनामे को दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में नोटरीकृत किया गया।

इन दिनों टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कई सवालों के घेरे में हैं। संसद में सवाल के बदले पैसे लेने का आरोप लग चुका है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से सवाल के बदले पैसे लेती है। जिसके बाद हीरानंदानी ने एक हलफनामा दिया, मोइत्रा के साथ अपने संबंधों को स्वीकारा। अब दर्शन हीरानंदानी ने अपने विवादास्पद हलफनामे पर चुप्पी तोड़ी है, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी के बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल किया था। टाइम्स नाऊ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, हीरानंदानी ने स्पष्ट किया कि हलफनामे पर उन्होंने स्वेच्छा से हस्ताक्षर किए थे।

क्या बोले हीरानंदानी

हीरानंदानी ने टाइम्स नाउ नवभारत को बताया- "हलफनामे पर मेरे हस्ताक्षर हैं, मैंने स्वेच्छा से हस्ताक्षर किए हैं, कोई डर नहीं, कोई पक्षपात नहीं। इसकी गवाही यह है कि मैंने इसे दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में नोटरीकृत कराया था।"

महुआ के आरोपों पर क्या बोले हीरानंदानी

जब मोइत्रा के आरोपों के बारे में हीरानंदानी से पूछा गया कि हलफनामा प्रधानमंत्री कार्यालय में तैयार किया गया था और उन्हें बंदूक की नोक पर इस पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था, तो हीरानंदानी ने आरोपों से इनकार किया, उन्होंने कहा- "चूंकि मैं दुबई में हूं, इसलिए मैंने इसे दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में नोटरीकृत कराया था। फिर मैंने इसे लोकसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा और इसकी कॉपी ईमेल से सीबीआई और डॉ. निशिकांत दुबे को भेज दी।''

क्या बोली थी महुआ मोइत्रा

बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया था हलफनामा न तो आधिकारिक लेटरहेड पर था और न ही नोटरीकृत था। हालांकि, बाद में हलफनामे को दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में नोटरीकृत किया गया। इस महीने की शुरुआत में, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखकर मोइत्रा के खिलाफ 'प्रश्नों के बदले रिश्वत' के आरोपों की जांच का अनुरोध किया था। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा था। जिसपर जांच चल रही है।

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