उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रमुख एक्सप्रेसवे
Uttar Pradesh & Bihar Expressways List in Hindi: देश में बहुत तेजी के साथ एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। एक्सप्रेसवे को किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का सूचक भी माना जाता है। भारत में अभी 23 एक्सप्रेसवे ऐसे हैं, जो पूरी तरह से चालू हैं। इसके अलावा 18 एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। पूरी तरह से चलने वाले एक्सप्रेसवे की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में शीर्ष स्थान पर है। यहां कुल 13 एक्सप्रेसवे हैं। इन 13 एक्सप्रेसवे में एक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी है, जो फिलहाल देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसकी लंबाई करीब 340 किलोमीटर है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पूरा हो जाने के बाद उसकी लंबाई सर्वाधिक होगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे करीब 1300 किलोमीटर से अधिक है, तो आज इसी कड़ी में जानते है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में कौन-कौन से एक्सप्रेस हैं और कौन-कौन से एक्सप्रेसवे बन रहे है और वो कहां- कहां से होकर गुजर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का यमुना एक्सप्रेसवे राजधानी दिल्ली से आगरा को जोड़ता है। इसे ताज एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है। इसके निर्माण से दिल्ली और आगरा के बीच की दूरी को महज ढाई घंटे में पूरा किया जा सकता है। ये एक्सप्रेसवे 165.5 किमी लंबा है।
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे ताज एक्सप्रेसवे का एक्सटेंशन है। इससे फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे भी जल्द जुडे़गा। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 24.53 किलोमीटर है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ब्राउन फील्ड और ग्रीन फील्ड का मिश्रण है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3 के रूप में बनाया गया है। इस एक्सप्रेस की कुल लंबाई 96 किलोमीटर है।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से राजधानी लखनऊ और आगरा के बीच दूरी कम हो गई है। पहले यात्रा में 6 घंटे से अधिक का समय लगता था, लेकिन अब साढ़े तीन घंटे में ये सफर पूरा हो जाता है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा हुआ है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण का कार्य साल 2021 में पूरा हुआ था। यह एक्सप्रेसवे यूपी के 9 जिलों को कवर करता है। इन जिलों में गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या, सुलतानपुर, अमेठी, बाराबंकी और लखनऊ शामिल हैं। पहले गाजीपुर से लखनऊ की यात्रा 15 घंटे में पूरी होती थी, लेकिन इसके निर्माण से महज 10 घंटे में सफर पूरा हो जाता है। ये एक्सप्रेस 340 किलोमीटर लंबा है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपीडा ने किया था। यह बुंदेलखंड के सात जिलों चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। यह दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा हुआ है। इस एक्सप्रेसवे के किनारे डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण भी होना है। इसे भारत के पहले सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस एक्सप्रेस की कुल लंबाई 296.7 किलोमीटर है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का 91 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बनने से लखनऊ से गोरखपुर जाने में 4 घंटे से भी कम समय लगेगा। इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर से दिल्ली और आगरा जाना भी आसान हो जाएगा। यह लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91 किलोमीटर होगी।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें। इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (NH-334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (NH- 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी।
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे NHIA द्वारा शुरू की गई परियोजना है। एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जारी है। इस एक्सप्रेसवे की मदद से यात्री लखनऊ से कानपुर की दूरी 45-50 मिनट में तय कर सकते हैं। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 62.67 किलोमीटर होगी।
- गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे परियोजना गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव को जोड़ेगी। इसके निर्माण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी 5 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी। गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई 380 किलोमीटर होगी।
- गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84. 3 किमी, बिहार में 416.2 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी किमी की दूरी तय करता है। गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई 520 किलोमीटर होगी।
- दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे दिल्ली,सहारनपुर और देहरादून को जोड़ता है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे मार्ग उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश और बागपत , बड़ौत, शामली और सहारनपुर सहित कई शहरों को जोड़ता है। दिल्ली और देहरादून को जोड़ने के लिए चार अलग-अलग मार्ग एक साथ जोड़े गए। इसे 120 किमी प्रतिघंटा वाहन चलाने के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 210 किलोमीटर होगी।
- गाजीपुर बलिया मांझी घाट एक्सप्रेसवे
गाजीपुर बलिया मांझी घाट एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 134.3 किलोमीटर है। गाजीपुर से मांझी रिविलगंज बाईपास तक इसकी दूरी 117 किमी है। इसे तीन फेज में बांटकर कार्य होगा। वहीं गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ेगा। यह 700 किमी की दूरी तय करते हुए 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा।
Bihar Expressway: बिहार में भी एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। बिहार के विकास को गति देने के लिए राज्य में चार बड़े एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है। बिहार में जिन 4 एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है वो राज्य के 38 जिलों में से 28 जिलों से होकर गुजरेगा। इन एक्सप्रेसवे से बिहार के विकास की रफ्तार भी तेज होगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक्सप्रेसवे के आसपास के गावों और शहरों के लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- औरंगाबाद से जयनगर के बीच पहला एक्सप्रेसवे
औरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेसवे दरभंगा एयरपोर्ट के नजदीक से होते हुए जयनगर जाकर समाप्त होता है। यह सड़क 6 लेन की होगी। औरंगाबाद से लेकर जयनगर तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे 271 किलोमीटर लम्बा है। यह सड़क कुल 6 जिलों से होकर गुजरती। यह एक्सप्रेसवे औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, पटना, नालंदा और दरभंगा से होकर गुजरता। इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो गया है।
- रक्सौल से हल्दिया के बीच दूसरा एक्सप्रेसवे
नेपाल सीमा से सटे रक्सौल से हल्दिया तक राज्य का दूसरा एक्सप्रेसवे है। यह एक्सप्रेसवे छह से आठ लेन का होगा। यह एक्सप्रेसवे करीब 695 किलोमीटर लम्बा है, जबकि इसकी बनकर तैयार होने की समय सीमा 2025 रखी गई है। जानकारी के मुताबिक रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। यह एक्सप्रेसवे 9 जिलों से होकर गुजरेगी। जिसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुज्जफरपुर, पटना, बिहारशरीफ, सारण, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं।
- बक्सर से भागलपुर के बीच तीसरा एक्सप्रेसवे
बिहार का तीसरा एक्सप्रेसवे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा। फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण हो चुका है जो बक्सर को दिल्ली तक जोड़ता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को ही आगे ले जाकर भागलपुर से जोड़ा जायेगा। इस सड़क की कुल लम्बाई 350 किलोमीटर होगी। ये एक्सप्रेसवे भी 6 लेन का होगा।
- गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच चौथा एक्सप्रेसवे
बिहार का चौथा एक्सप्रेसवे गोरखपुर सीमा से होकर सिलीगुड़ी तक जायेगा। यह बिहार के 10 जिलों को टच करते हुए बना है। यह एक्सप्रेसवे गोपालगंज, सीवान, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज से होते हुए सिलीगुड़ी तक जायेगा। यह एक्सप्रेसवे भी पूरी तरह से ग्रीनफील्ड होगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे न सिर्फ बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ेगा बल्कि यह पश्चिम बंगाल को भी जोड़ेगा। निश्चित तौर पर इस एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार में विकास का होगा। ये एक्सप्रेसवे भी 6 लेन का है। इन एक्सप्रेसवे के अलावा NHAI द्वारा 230 किलोमीटर लंबे अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (NH-119D) बिहार में एक स्वीकृत 4 लेन एक्सेस-नियंत्रित राजमार्ग है, जो बिहार में औरंगाबाद-गया-पटना-दरभंगा के बाहरी इलाके को जोड़ता है।
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