यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा पर लगी मुहर, विदेश मंत्रालय एक्टिव, आया ये बयान
प्रिया की मौत की सजा को यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने सोमवार को मंजूरी दे दी। फांसी एक महीने के भीतर होगी, जब तक कि परिवार से माफी न मिल जाए।
निमिषा प्रिया मौत की सजा मामला
Indian Nurse Nimisha Priya Case: केरल की रहने वाली निमिशा प्रिया को कथित तौर पर एक यमन नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा पर यमनी राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। भारत ने मंगलवार को कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में प्रासंगिक विकल्पों को तलाशने के लिए हरसंभव मदद मुहैया करा रहा है। केरल की रहने वाली निमिशा प्रिया को कथित तौर पर एक यमन नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमें यमन में सुश्री निमिशा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। जायसवाल ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार इस मामले में हरसंभव मदद मुहैया करा रही है।
यमन के राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
प्रिया की मौत की सजा को यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने सोमवार को मंजूरी दे दी। अगर परिवार की तरफ से माफी नहीं मिलती है तो फांसी एक महीने के भीतर दे दी जाएगी। केरल के पलक्कड़ जिले की मूल निवासी प्रिया को जुलाई 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की कथित हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था। सना की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे 2020 में मौत की सजा सुनाई और उसकी अपील नवंबर में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा 2023 में खारिज कर दी गई थी। हालांकि, ब्लड मनी का भुगतान करने का विकल्प खुला रखा गया था।
वकील ने भुगतान को लेकर काम रोका
प्रिया की रिहाई तलाल अब्दो मेहदी के परिवार और उनके आदिवासी नेता द्वारा प्रिया को माफ करने पर निर्भर थी। अगर पीड़ित का परिवार आरोपी को माफ कर दे और इसके बदले ब्लड मनी स्वीकार कर ले तो उसकी मौत की सजा माफ की जा सकती है। इसके लिए बातचीत चल रही थी। हालांकि, प्रिया की ओर से नियुक्त वकील ने भुगतान में देरी के कारण प्रक्रिया रोक दी। वकील ने बातचीत से पहले की फीस के तौर पर दो किस्तों में 40,000 अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। उसने तब तक आगे बढ़ने से इनकार कर दिया जब तक कि उसे पूरी रकम नहीं दे दी जाती।
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अमित कुमार मंडल author
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव ...और देखें
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