किसानों ने टाला 'दिल्ली कूच': सिंघु-टीकरी बॉर्डर पर हटने लगे बैरीकेट्स, जानें दिल्ली जाने के किस रूट पर कितनी राहत
Farmer Protest Delhi Border: सिंघू बॉर्डर मार्ग की सर्विस लेन और टीकरी बॉर्डर मार्ग की एक लेन को खोला जा रहा है ताकि वाहनों की आवाजाही हो सके। इससे दिल्ली से हरियाणा जाने वाले वालों को बहुत राहत मिलेगी। वहीं, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) सीमा पर स्थिति वैसी ही रहेगी क्योंकि फ्लाईओवर के नीचे का मार्ग बंद रहेगा।
आंशिक रूप से खोले गए सिंघू व टीकरी बॉर्डर
Farmer Protest Delhi Border: किसानों की ओर से 29 मार्च तक 'दिल्ली कूच' टालने के ऐलान के बाद राजधानी दिल्ली को फौरी राहत मिलना शुरू हो गई है। किसानों के फैसले के बाद प्रशासन ने शनिवार को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर सिंघू और टीकरी बॉर्डर मार्गों को आंशिक रूप से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिससे दिल्ली के लोगों को जाम के झाम से बड़ी राहत मिली है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सिंघू बॉर्डर मार्ग की सर्विस लेन और टीकरी बॉर्डर मार्ग की एक लेन को खोला जा रहा है ताकि वाहनों की आवाजाही हो सके। बता दें, सिंघू और टीकरी सीमा मार्गों के खुलने से दिल्ली से हरियाणा जाने वाले वालों को बहुत राहत मिलेगी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) सीमा पर स्थिति वैसी ही रहेगी क्योंकि फ्लाईओवर के नीचे का मार्ग बंद रहेगा। इस बीच, सोनीपत में कुंडली सीमा मार्ग पर सर्विस लेन को खोल दिया गया है। बॉर्डर बंद करने के 11वें दिन दोपहिया वाहनों के लिए सर्विस लेन को खोल दिया गया है। फलस्वरूप दिल्ली जाने वाले यात्रियों और औद्योगिक क्षेत्र के वाहनों को राहत मिली है।
13 मार्च से सील से बॉर्डर
बता दें, किसान संगठनों ने 13 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इससे पहले ही प्रशासन ने दिल्ली आने वाले सभी बॉर्डर को सील करना शुरू कर दिया था। तब से इन बॉर्डर पर बैरीकेट्स हटाए नहीं गए हैं। हालांकि, किसानों को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ही रोक लिया गया था, तब से किसान यहीं पर डेरा डाले हुए हैं। ये बॉर्डर दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर हैं। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर नजर रहेगी और जरूरत पड़ने पर सीमाएं फिर से बंद की जा सकती हैं।
अब क्या है किसानों का प्लान
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को करीब 13 दिन हो गए हैं। इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि आज हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे, जिसमें WTO पर चर्चा होगी। हमने भारत सरकार से मांग की है कि सरकार कृषि क्षेत्र को WTO से बाहर निकाले। उन्होंने कहा, हम शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अपने निर्णय के बारे में जानकारी देंगे। 26 फरवरी की दोपहर में दोनों बॉर्डरों पर 20 फीट से ऊंचे पुतलों का दहन किया जाएगा। 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, SKM (गैर राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की बैठक करेगा। 28 फरवरी को दोनों मंच बैठेंगे और चर्चा करेंगे। 29 फरवरी को अगले कदम को लेकर फैसला किया जाएगा।
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