'उड़ता पंजाब' में किसान परेशान लेकिन कहां हैं 'मान'? राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर आए अन्नदाता

Punjab News: वादा तो टूट जाता है। रील लाइफ के ये बोल रियल लाइफ की सियासत पर सटीक बैठते हैं। जहां झूठे वादों का सपना दिखाकर वोट बटोरे जाते हैं और वादे करने वाले गायब हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ पंजाब में दिख रहा है, क्योंकि जिस वादे के दम पर आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई।

Punjab News: पंजाब में सड़क पर जमा हुए लोग कोई और नहीं बल्कि अन्नदाता हैं जो जीरा शराब प्लांट (Liquor Factory) बंद करने की मांग को लेकर पिछले 5 महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। करीब 40 गांवों के किसान (Farmer) और दूसरे लोग शराब फैक्ट्री के कारण पानी जहरीला होने की बात कह रहे हैं। नौ महीने बाद भी वो वादे अब तक अधूरें हैं। जनता ठगी महसूस कर रही है। पंजाब के किसान पिछले 5 महीनों से हलकान हैं। साथ ही कैंसर जैसी बीमारी होने की आशंका जता रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि सरकार शराब फैक्ट्री को बंद करे।
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किसानों और पुलिस में झड़प

एक शख्स ने कहा, 'जो आज सारे भारतीय किसान के साथ आया हूं। 5 महीने हो गए इस जीरा शराब प्लांट को लगे हुए। जिसकी वजह से पानी बहुत प्रदूषित हो रहा है। जिससे हमारे लोगों को कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित कर रहा है। इस फैक्ट्री को बंद करना चाहिए।' सोमवार को किसान संगठनों का धरने पर पहुंचना शुरु हुआ। इस दौरान किसानों ने सरकार का विरोध किया। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड गिरा दिए। कार्रवाई के दौरान किसान संगठनों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने इस दौरान किसानों पर लाठीचार्ज भी किया। वहीं लाठीचार्ज की बात को फिरोजपुर पुलिस ने सिरे से खारिज किया है। SSP का कहना है कि धरने में जाने से किसी को भी नहीं रोका गया है। साथ ही प्रदर्शनकारियों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना देने की बात कही।
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