Farmers Protest: आज से किसानों का फिर दिल्ली मार्च, चप्पे-चप्पे पर जवानों का पहरा; पंढेर बोले- देश देखेगा बड़ा आंदोलन

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत विभिन्न मांगों को लेकर आज किसान फिर दिल्ली की ओर मार्च होंगे। किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से किसान इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे और वह जंतर मंतर पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे।

आज दिल्ली की ओर फिर कूच करेंगे किसान

Farmers Protest: अपनी कई मांगों को लेकर किसान आज फिर से दिल्ली कूच की तैयारी करेंगे। किसान संगठनों ने बुधवार को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। किसानों के दिल्ली मार्च लेकर राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। रेलवे-मेट्रो स्टेशनों और बस स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। किसान नेता तेजवीर सिंह ने मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर कहा कि कल यानी 6 मार्च को पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर शांतिपूर्वक मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने के लिए अपनी तैयारी की है।
तेजवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के किसानों ने मार्च के लिए दिल्ली जाने की पूरी तैयारी कर ली है। वहीं, आज के मार्च को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि आज 12 बजे से 4 बजे तक देशभर में आपको एक बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि आज कई राज्यों से किसान दिल्ली मार्च शुरू करेंगे। कुछ लोगों ने 6 से बढ़ने की बात कही है कुछ ने 7 को बढ़ने की बात कही है। किसान नेता पंढेर ने कहा कि आज 23 दिन हो चुका है। 28 दिन से पंजाब हरियाणा का बॉर्डर बंद है। इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है। हमने अपनी तरफ से कोई भी ब्लॉक नहीं किया है। हरियाणा में 70 हजार बल क्यों लगाया है क्या डर है? दिल्ली के लोगों को जो आप समस्या दे रहे हैं वो आप क्यों दे रहे हैं, इसका जवाब आपको देना चाहिए।

10 मार्च को देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का भी आह्वान

बता दें, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह ने 3 मार्च को देश के किसानों से प्रदर्शन के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया था। उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 10 मार्च को चार घंटे के लिए देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का भी आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
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