किसान आंदोलन: SKM ने मौजूदा संकट के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार, आज बुलाई आम सभा की बैठक

किसान संगठन ने कहा कि एसकेएम ने पंजाब सीमा पर मामलों की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए इस पर चर्चा करने और किसानों के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए आज बैठक बुलाई है।

किसान संगठनों का प्रदर्शन

Farmers Protest: किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक किसान की मौत पर शोक जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार मौजूदा संकट और हताहतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। किसान संगठन ने स्थिति पर चर्चा करने और संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने के लिए 22 फरवरी अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक (जीबीएम) बुलाई है। पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प के बाद बठिंडा जिले के बालोके गांव के 21-वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए।

बालोके गांव के शुभकरण की मौत

एसकेएम ने एक बयान में कहा कि एसकेएम हरियाणा-पंजाब सीमा पर पुलिस गोलीबारी में बठिंडा जिले के बालोके गांव के किसान शुभकरण सिंह के खिलाफ पुलिस की दमनकारी कार्रवाई और उसकी हत्या का कड़ा विरोध करता है। किसान संगठन ने कहा, उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की दमनकारी कार्रवाई में लगभग 15 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह किसान परिवारों के लिए रोजी-रोटी अर्जित करने वालों पर उस वक्त किया गया क्रूर हमला है, जब वे प्रधानमंत्री के लिखित वादों का कार्यान्वयन न किये जाने का विरोध कर रहे थे। प्रधानमंत्री और कार्यपालिका नौ दिसंबर को एसकेएम के साथ हस्ताक्षरित समझौते को लागू करने में विफल रहे हैं और मौजूदा संकट एवं हताहतों के लिए ये पूरी तरह जिम्मेदार हैं।

एसकेएम ने आज आम सभा की बैठक बुलाई

किसान संगठन ने कहा कि एसकेएम ने पंजाब सीमा पर मामलों की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए इस पर चर्चा करने और किसानों के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाने के वास्ते 22 फरवरी को राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक बुलाई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने नौ दिसंबर, 2021 को तीन कृषि कानूनों (अब निरस्त) के खिलाफ किसानों के पिछले विरोध का नेतृत्व किया था और सरकार से आधिकारिक प्रस्ताव मिलने के बाद इसने आंदोलन समाप्त कर दिया था। एसकेएम का हिस्सा अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने भी एक व्यक्ति की मौत पर शोक व्यक्त किया है और कहा है कि यह शासन की क्रूरता को उजागर करता है।

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