Farmers Protest: किसानों ने MSP पर केंद्र के नए प्रस्ताव को किया खारिज

Farmers Protest Update: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दाल, मक्का, कपास की खरीद करने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करते हैं।

Farmers Protest Update

MSP को लेकर केंद्र सरकार की नई योजना को किसानों ने खारिज कर दिया

Farmers Protest Update: किसानों ने सोमवार को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की केंद्र सरकार की नई योजना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह उनके हित में नहीं है। सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे 21 फरवरी की सुबह अपना 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू करेंगे, किसान नेताओं ने कहा कि प्रस्ताव में स्पष्टता नहीं है और वे सिर्फ दालों, मक्का और कपास की फसलों पर ही नहीं बल्कि सभी 23 फसलों पर एमएसपी चाहते हैं।

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केंद्र सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई, जहां केंद्र ने सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद को लेकर पांच साल की योजना पेश की।

सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपये की लागत से पाम तेल का आयात करती है, उन्होंने कहा कि यदि यह राशि किसानों द्वारा उगाए जाने वाले तिलहन के लिए निर्धारित की जाती है, तो इससे उन्हें लाभ होगा।

किसान नेता ने कहा कि फिलहाल सरकार के साथ कोई बैठक की योजना नहीं है लेकिन वे बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। डल्लेवाल ने सरकार से अपील की कि या तो किसानों द्वारा उठाई गई मांगों को पूरा किया जाए या उन्हें दिल्ली में शांतिपूर्वक विरोध करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने सभी प्रदर्शनकारी किसानों से हिंसा न करने का भी आग्रह किया।

नेताओं ने यह भी कहा कि पंजाब-हरियाणा सीमा पार करने की कोशिश के दौरान उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई में 400 किसान घायल हो गए। डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा के डीजीपी का यह दावा कि पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया गया, गलत है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को किसानों को लगी चोटों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए किसानों ने 20 फरवरी की आधी रात तक इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए पंजाब सरकार की भी आलोचना की और पूछा कि क्या यह केंद्र सरकार के आदेश पर किया गया है उन्होंने इस बात पर स्पष्टीकरण की मांग की कि पंजाब सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं को प्रतिबंध लगाने के लिए लिखित आदेश क्यों जारी किए।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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