मैं आधी रात को पीएम मोदी से मुलाकात क्यों करूंगा? गुलाम नबी आजाद के दावे पर बोले फारुक अब्दुल्ला
आजाद ने दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के लिए सोचे-समझे प्रयास किए थे।
फारुख अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद
Farooq Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के इस दावे का खंडन किया है कि वह जांच से बचने के लिए रात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की मांग करते थे। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अगर मुझे पीएम मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना है तो मैं उनसे दिन में मिलूंगा, मैं उनसे रात में क्यों मिलूंगा? उन्होंने ऐसा क्यो सोचा है? फारूक अब्दुल्ला को बदनाम कर रहे हैं?
फारूक अब्दुल्ला का आजाद पर निशाना
आजाद को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई उन्हें (आजाद) राज्यसभा सीट नहीं देना चाहता था, तब मैं ही था, जिसने उन्हें राज्यसभा सीट दी, लेकिन आज वह यह सब कह रहे हैं। उन्हें अपने एजेंटों के नाम बताने चाहिए जो पीएम और गृह मंत्री के आवास पर बैठे हैं। उन्हें लोगों को बताना चाहिए ताकि वे सच्चाई समझ सकें।
आजाद ने लगाया दोहरा खेल खेलने का आरोप
आजाद ने दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के लिए सोचे-समझे प्रयास किए थे। पिता-पुत्र की जोड़ी पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाते हुए आजाद ने फारूक अब्दुल्ला के विशेष बयान का हवाला दिया। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने का संकेत दिया, जिसे बाद में उमर अब्दुल्ला ने खारिज कर दिया था।
आजाद ने कहा, फारूक ने जो बताया वह जुबान की फिसलन नहीं थी। फारूक और उमर सरकार और विपक्ष दोनों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। आजाद ने अनुच्छेद 370 को हटाने से ठीक पहले 3 अगस्त, 2019 को अब्दुल्ला और पीएम मोदी के बीच एक कथित बैठक की भी बात उठाई। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में अफवाहें फैलीं कि इस फैसले के बारे में अब्दुल्ला को विश्वास में लिया गया था। यहां तक कि घाटी के नेताओं को नजरबंद करने का भी सुझाव दिया था।
उमर अब्दुल्ला ने भी आजाद को घेरा
उधर, उमर अब्दुल्ला ने भी गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधते हुए कहा, वाह भाई, वाह गुलाम नबी आजाद, आज इतना गुस्सा है। वह गुलाम कहां है जो हाल ही में 2015 में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटों के लिए हमसे भीख मांग रहा था? अब्दुल्ला को 370 के बारे में पता था, फिर भी हमें पीएसए सहित 8 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया और आप आजाद थे। 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में एकमात्र पूर्व मुख्यमंत्री मुक्त हुए। 'अब्दुल्ला गुप्त रूप से मिलते हैं के आरोप पर उन्होंने कहा, मेरे पिता को उनके सरकारी घर से बाहर निकाल दिया गया था जब वह सांसद और नहीं थे और आपको अपना बंगला रखने की अनुमति है? फिर भी प्रधानमंत्री राज्यसभा में आपके लिए रोते हैं और हर भाषण में हमारी आलोचना करते हैं।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आइए पद्म पुरस्कार को न भूलें जिसके लिए आप कांग्रेस छोड़ने और चिनाब घाटी में भाजपा की मदद करने के लिए सहमत हुए थे। कौन आजाद है और कौन गुलाम है, समय बताएगा और लोग फैसला करेंगे।
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