Tejas Mark2: रक्षा क्षेत्र में भारत को मिली एक और बड़ी सफलता, देश में ही बनेंगे तेजस-मार्क 2 के इंजन

Tejas Mark2: भारतीय सेना के पास एलसीए तेजस का एडवांस्ड वर्जन मार्क-1 ए विमान पहले से ही है। एयर फोर्स के पास उपलब्ध यह विमान एक फाइटर जेट है जो 2205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवा में उड़ता है।

tejas mark 2

भारत में ही बनेगा तेजस मार्क 2 का इंजन

Tejas Mark2: भारत को रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क 2 का इंजन अब देश में ही बनेगा, जिससे भारत को बड़ा फायदा होगा। भारत की एचएएल और अमेरिका की जीई भारत में संयुक्त रूप से इन इंजनों का उत्पादन करेंगे। एक साल में इस फाइटर जेट का प्रोटोटाइप तैयार होगा। वहीं चार साल बाद इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा सकत है।

डीआरडीओ ने दी जानकारी

डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने शनिवार को कहा कि भारत के रक्षा क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने के लिए एलसीए मार्क 2 और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के पहले दो स्क्वाड्रन के इंजनों का घरेलू स्तर पर उत्पादन किया जाएगा। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी ने कहा- "एलसीए मार्क 2 के इंजन और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के पहले दो स्क्वाड्रन का उत्पादन अमेरिकी जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा देश के भीतर एक साथ किया जाएगा। सभी मंजूरी अमेरिका से मिल चुकी है।"

रात में भी कर सकेगा हमला

जानकारी के मुताबिक, भारत के इस स्वदेशी लड़ाकू विमान में नाइट विजन चश्मे से जुड़ा हुआ कॉकपिट होगा। इसका फायदा यह होगा कि रात या अंधेरे में इस फाइटर जेट से टारगेट पर हमला किया जा सकेगा।

पुराने फ्लीट की लेंगे जगह

इसमें हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक की व्यवस्था होगी। हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक का मतलब है एक ही लीवर से फाइटर जेट कंट्रोल किया जाएगा और उसी से हथियार भी दागे जा सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, तेजस-मार्क 2 के 10 स्क्वॉड्रन बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य है जगुआर, मिराज-2000 और मिग-21 फाइटर जेट्स की पुराने फ्लीट को रिप्लेस करना है।

तेजस का मार्क-1 कर रहा काम

भारतीय सेना के पास एलसीए तेजस का एडवांस्ड वर्जन मार्क-1 ए विमान पहले से ही है। एयर फोर्स के पास उपलब्ध यह विमान एक फाइटर जेट है जो 2205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवा में उड़ता है। यही नहीं, एयर फोर्स का यह फाइटर जेट 6 तरह की मिसाइलों को ले जाने में भी सक्षम है।

वायुसेना में दे रहा सेवा

भारतीय वायुसेना ने 123 तेजस फाइटर जेट मांगे थे, जिसमें से 31 मिल चुके हैं। ये सभी तेजस मार्क -1 हैं। इसके अलावा बीते दिनों भारतीय वायु सेना को अपना पहला 2 सीटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस ट्विन सीटर' मिला है।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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