जिस फाइटर इंजन GE-414 का प्रयोग करती है अमेरिकन नेवी, उसे अब भारत में बनाया जाएगा

वार्षिक रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इस वित्त वर्ष में इसे 1.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

फाइटर जेट के 'जीई-414' इंजन अब भारत में ही बनेंगे (प्रतीकात्मक फोटो- Pixabay)

मुख्य बातें
  • 65 प्रतिशत रक्षा निर्माण भारत में
  • वार्षिक रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ के पार
  • सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल होने वाले 'जीई-414' इंजन अब भारत में बनाए जाएंगे। यह एक टर्बोफ़ैन इंजन है, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना और कई देशों के फाइटर जेट्स में किया जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में बताया कि जीई-414 इंजन अब भारत में बनाए जाएंगे, यह देश की इंजन निर्माण क्षमता में उल्लेखनीय प्रगति का प्रतीक है।

देश में बनाए जा रहे रक्षा उपकरण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी हाल की अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी अमेरिकी रक्षा कंपनियों के साथ उपयोगी चर्चा हुई और वे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब देश रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर निर्भर था। लगभग 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे। आज इस स्थिति में बदलाव आया है। अब 65 प्रतिशत निर्माण भारत की धरती पर किया जा रहा है और केवल 35 प्रतिशत आयात किया जा रहा है।
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