FATF ने भारतीय जांच एजेंसी ED के काम को सराहा, रिपोर्ट में बताई ये बड़ी बातें
FATF praised Work of ED: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने भारतीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के काम की सराहना की है। एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में पिछले पांच सालों से जुड़े अहम आंकड़े सामने रखे। जिसमें ईडी की कार्रवाई और जब्ती के बारे में जिक्र किया गया है।
प्रतीकात्मक तस्वीर।
Investigation Agency News: भारतीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कामकाज की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने सराहना की है। साल 2018 से 2023 के बीच केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने PMLA के तहत 16537 करोड़ रुपये की जब्ती की, ये जानकारी FATF ने अपनी रिपोर्ट में साझा की है। दिलचस्प बात ये भी है कि भगोड़े विजय माल्या द्वारा बैंकों के समूह से धोखाधड़ी से अर्जित करीब 14 हजार करोड़ रुपये वापस बैंकों को दिलवाए गए हैं, जिसका जिक्र भी रिपोर्ट में है।
ED ने आतंकी फंडिंग पर भी कड़े एक्शन लिए
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ED ने PMLA के अलावा क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन और हवाला कारोबार पर नकेल कसने के लिए सराहनीय कदम उठाए। NIA के साथ मिलकर ED ने देश में आतंकी फंडिंग पर भी कड़े एक्शन लिए। ED ने बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट और इनकम टैक्स एक्ट के तहत भी कई बड़ी कार्रवाई की और fugitive Economic offenders Act के तहत कई आरोपियों की संपत्ति कुर्क की।
FATF की रिपोर्ट में चार मामलों का किया गया जिक्र
ED ने साइबर अपराध से जुड़े मामलों में भी कई बड़े अपराधिक नेक्सस का खुलासा किया है। भारत को इन उपलब्धियों के लिए G20 देशों में चौथे स्थान पर रखा गया है। FATF ने अपनी रिपोर्ट में चार केस का भी जिक्र किया जिनकी जांच ED कर रही है।
पहला: मंगलुरु ब्लास्ट केस
इस मामले में ED ने इस केस में फाइनेंशियल ट्रेल को ट्रैक किया, जांच में सामने आया कि आठ अलग-अलग वर्चुअल असेट ट्रांसफर (क्रिप्टो करेंसी) के जरिए टेरर फंडिंग की गई।
दूसरा: PFI की फंडिंग से जुड़ा केस
ये मामला प्रतिबंधित संगठन PFI की फंडिंग जांच से जुड़ा है। जांच में सामने आया कि PFI का कनेक्शन ISIL से है। मनी ट्रेल की जांच में तीन सौ बैंक अकॉउंट का खुलासा हुआ जो कि फंडिंग के लिए 11 बैंकों की अलग-अलग 22 शाखाओं में खोले गये थे। ED द्वारा जांच में इस मनी ट्रेल के खुलासे के बाद ना सिर्फ PFI से जुड़े कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी की गई, बल्कि संगठन पर पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया।
तीसरा: विजय माल्या केस
माल्या अभी विदेश में मौजूद है, हालांकि कि उसके भारत प्रत्यार्पण का रास्ता साल 2019 में साफ हो गया था, लेकिन UK में कोर्ट में चल रही कानूनी परिक्रिया में देरी की वजह से ये मुमकिन नहीं हो पाया।
चौथा: कश्मीर में टेरर फंडिंग केस
इस मामले में NIA ने साल 2017 में लश्कर, जेश ए मोहम्मद, हिज़बुल मुजाहिद्दीन और आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के खिलाफ जो FIR दर्ज की गई थी, उसमें ED ने भी अपनी अलग ECIR दर्ज कर टेरर फंडिंग की मनी ट्रेल का खुलासा किया था। जिसके बाद साल 2022 में यासीन मलिक की गिरफ्तारी हुई थी।
(अनुज मिश्रा की रिपोर्ट)
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आयुष सिन्हा author
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