तमिलनाडु में सांड को जबरदस्ती खिलाया जिंदा मुर्गा, यूट्यूबर के खिलाफ FIR

Instagram में अपलोड एक वीडियो में जल्लीकट्टू के लिए प्रशिक्षण ले रहे एक सांड को जबरदस्ती जिंदा मुर्गा खिलाया जा रहा था।

तमिलनाडु में जलीकट्टू

FIR against YouTuber: तमिलनाडु के सलेम जिले में एक सांड को जबरदस्ती जिंदा मुर्गा खिलाने के आरोप में एक यूट्यूबर और उसके साथियों पर केस दर्ज किया गया है। एफआईआर पशु अधिकार कार्यकर्ता और चेन्नई स्थित पशु संरक्षण समूह, पीपल फॉर कैटल इन इंडिया (PFCI) के संस्थापक अरुण प्रसन्ना की शिकायत पर दर्ज की गई। प्रसन्ना की थारमंगलम पुलिस को दी गई शिकायत कुछ दिन पहले यूट्यूबर द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो पर आधारित थी। वीडियो में जल्लीकट्टू के लिए प्रशिक्षण ले रहे एक सांड को जबरदस्ती जिंदा मुर्गा खिलाया जा रहा था।

इंस्टाग्राम में किया अपलोड

प्रसन्ना ने आरोप लगाया कि यूट्यूबर द्वारा अपलोड की गई इंस्टाग्राम क्लिप में एक सांड को कांटों से पकड़ा हुआ था। सांड को जबरन जिंदा मुर्गा खिलाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी शाकाहारी जानवर को जबरदस्ती कच्चा मांस खिलाने से उसके शरीर में विषाक्तता हो सकती है। थरमंगलम पुलिस ने रघु और उसके साथियों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (पीसीए) 1960 की धारा 3 और 11(1) (ए), 11 (1) (आई) और भारतीय दंड संहिता की धारा 429 के तहत केस दर्ज किया।

क्या है जलीकट्टू

बता दें कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी और 40 लोग घायल हुए थे। पुलिस अधीक्षक ने मौत की पुष्टि की है। घटना 18 जनवरी को राज्य के शिवगंगा जिले में हुई थी। जल्लीकट्टू सदियों पुराना कार्यक्रम है, जो तमिलनाडु में पोंगल के अवसर पर हर साल आयोजित किया जाता है। जल्लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में खेला जाने वाला पारंपरिक खेल है, जिसमें बैलों की दौड़ा कराई जाती है और इस दौरान लोग इसके कूबड़ पर टिकने की कोशिश करते हैं और इसी से विजेता का भी फैसला होता है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। इस खेल के दौरान लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं और कुछ की मौत भी हो जाती है।
End Of Feed