नए क्रिमिनल लॉ के तहत पहली FIR पर अमित शाह ने दी सफाई, दिल्ली नहीं ग्वालियर में दर्ज हुआ पहला मामला

First FIR of Bharatiya Nyay Sanhita: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि ग्वालियर में मोटरसाइकिल चोरी मामले में नए क्रिमिनल लॉ के तहत पहली एफआईआर 12:10 मिनट पर दर्ज की गई थी। उन्होंने साफ किया कि दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर पहली नहीं है।

Delhi Police

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First FIR of Bharatiya Nyaya Sanhita: देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत पहली एफआईआर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज की गई है। यह मामला एक मोटरसाइकिल चोरी से जुड़ा हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि मोटरसाइकिल चोरी मामले में नए क्रिमिनल लॉ के तहत पहली एफआईआर 12:10 मिनट पर दर्ज की गई थी। उन्होंने साफ किया कि दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर पहली नहीं है।

बता दें, पहले कहा गया था कि कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ नए आपराधिक कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि पुलिस ने इस मामले को रिव्यू किया और रद्द कर दिया है।

क्या था मामला?

अधिकारियों के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और बिक्री करने के आरोप में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि देर रात पैट्रोलिंग के दौरान पुलिसकर्मी ने देखा एक शख्स रेलवे स्टेशन के पास बीच सड़क पर रेहड़ी लगाकर पानी, गुटखा बेच रहा था, जिससे लोगो को उसने जाने में दिक्कत हो रही थी। कई बार कहने पर वो नही माना और मजबूरी बताकर चला गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने उसका नाम पता पूछकर नए कानून BNS की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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दिल्ली पुलिस के 25000 कर्मियों ने लिया प्रशिक्षण

अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के 25000 कर्मियों ने नए आपराधिक कानून का प्रशिक्षण लिया है। ये कर्मचारी नए आपराधिक कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने और जांच करने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रशिक्षण पूरा करने वालों में ASI, ACP, DCP रैंक के अधिकारी शामिल हैं।

आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून

आज से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। 1860 में बनी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, 1989 में बनी सीआरपीसी की जगह भारती नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 में बने इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेंगे। इन कानूनों के लागू होने से ब्रिटिश कालीन कानून खत्म होंगे और भारतीय न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। नए कानूनों में कुछ धाराओं में बदलाव किया गया तो कुछ नई जोड़ी गई हैं, कुछ को खत्म भी किया गया है।

90 दिनों में दाखिल करनी होगी चार्जशीट

नए कानून लागू होने के बाद पुलिस को एफआईआर दर्ज होने के 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल करनी होगी। इसके 60 दिनों के अंदर आरोप तय करने होंगे और सुनवाई पूरी होने के 30 दिनों के अंदर अदालत को जजमेंट भी देना हेागा। वहीं, नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जुटाए गए साक्ष्यों (ऑडिया-वीडियो) को प्रमुखता दी गई है। भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत अपराध के सिलसिले में कोई भी नागरिक देशभर में कहीं भी जीरो FIR दर्ज करा सकता है। 15 दिनों के अंदर इसे संबंधित पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया जाना चाहिए।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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