भारत में S-400 Air Defense System की पहली फायरिंग जल्द, Airforce की पूरी तैयारी
S-400 Air Defense System: भारत अपने सबसे नए और ताकतवर हथियार की ताकत को दुनिया को दिखाने के लिए तैयार है। दुश्मन के किसी भी तरह के आसमानी हमले को ध्वस्त करने की काबिलियत रखने वाले S-400 मिसाइल सिस्टम की पहली फायरिंग इसी हफ्ते की जा सकती है।
S-400 मिसाइल सिस्टम की पहली फायरिंग इसी हफ्ते की जा सकती है
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के बीच रूस S-400 की तीन खेप भारत को भेज चुका है। अब तक भारत को तय शेड्यूल के हिसाब से एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम की तीन यूनिट मिल चुकी हैं जिनकी तैनाती भी पूरी की जा चुकी है। रूस के एस 400 वायु रक्षा प्रणाली के तीसरे ऑपरेशनल स्क्वाड्रन के लिए डिलीवरी भारत आने के बाद इसे पूर्वोत्तर सेक्टर में डेप्लाई किया गया है जहां पिछले 3 सालों से चीन के साथ तनातनी जारी है।संबंधित खबरें
रक्षा सूत्रों के अनुसार, "एस-400 के की पहली डेमो फायरिंग के लिए भारतीय वायु सेना ने तैयारी पूरी कर ली है माना जा रहा है कि जिसका पहला फायर समुद्र में किया जाएगा जिसके लिए जल्द ही नोटिस टू एयरमेन या नोटएम जारी कर दिया जाएगा।" S400 को भारत भेजने से पहले रूस में इनकी टेस्टिंग की जा चुकी है और उसी वक्त भारत के अधिकारियों को इसे चलाने और रखरखाव की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है लेकिन यह पहला मौका होगा जब भारत की सीमा पर तैनात होने के बाद S-400 को परखा जाएगा, माना जा रहा है कि इस फायरिंग से चीन और पाकिस्तान दोनों को परेशानी हो सकती है। संबंधित खबरें
रूस अब तक भारत को तीन एस-400 स्क्वाड्रन मुहैया करा चुका हैसंबंधित खबरें
फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद रूस ने दूसरा स्क्वाड्रन भारत भेजा था। एक S-400 स्क्वाड्रन को एलएसी के संवेदनशील इलाके के पास नॉर्दन सेक्टर में तैनात किया गया है, जबकि एक यूनिट पंजाब में डिप्लोई की गई है। एक अधिकारी के मुताबिक S-400 की तीसरी स्क्वाड्रन को राजस्थान के पास पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है।संबंधित खबरें
S400 मिसाइल सिस्टम की दूसरी रेजीमेंट की डिलीवरी पिछले साल पूरी कर ली गई थीसंबंधित खबरें
रूस से भारत को मिलने वाली S400 मिसाइल सिस्टम की दूसरी रेजीमेंट की डिलीवरी पिछले साल पूरी कर ली गई थी। S-400 की दूसरी रेजिमेंट की तैनाती चीन के बॉर्डर के पास एलएसी पर की जा चुकी है। S-400 का पहला रेजिमेंट दिसंबर 2021 में ही भारत पहुंच गया था जिसका डेप्लॉयमेंट देश के पश्चिमी बॉर्डर पर किया जा चुका है। हाल ही में एलएसी पर चीन की तरफ से लड़ाकू विमानों की एक्सरसाइज तेज की गई थी जिसमें हर दिन चीन की वायुसेना के लड़ाकू विमान कम से कम 2 बार एलएसी के नजदीक तक उड़ान भर रहे थे। इन फ्लाइट सौर्टी को देखते हुए जल्द एलएसी पर एस 400 की तैनाती करना बेहद जरूरी था।संबंधित खबरें
पांच रेजिमेंटों के लिए 39000 करोड़ रुपये के सौदे को पूरा किया थासंबंधित खबरें
भारत और रूस ने 2018 में S400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की पांच रेजिमेंटों के लिए 39000 करोड़ रुपये के सौदे को पूरा किया था। सभी पांच S400 सिस्टम 2023 के अंत तक भारत में पहुँच जाएंगे। S400 प्रणाली दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली है जिसकी सीमा 2 किमी से 400 किमी तक होती है। यह 600 किलोमीटर की दूरी से किसी भी हवाई खतरे को ट्रैक कर सकता है। S400 को अक्सर भारत के लिए 'गेम चेंजर' के रूप में जाना जाता है जो पाकिस्तान और चीन से दोहरे खतरे से निपट रहा है। S400 सिस्टम किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल, दुश्मन के विमान या ड्रोन को ट्रैक और नष्ट कर सकता है जो भारतीय हवाई क्षेत्र में आक्रमण करता है।संबंधित खबरें
इस प्रणाली की प्रत्येक रेजिमेंट में 8 लॉन्चर शामिल हैंसंबंधित खबरें
S400 प्रणाली की संरचना के लिए, इस प्रणाली की प्रत्येक रेजिमेंट में 8 लॉन्चर शामिल हैं, और प्रत्येक लॉन्चर में 4 मिसाइल हैं, जिसका अर्थ है कि एक रेजिमेंट एक बार में 32 मिसाइल लॉन्च कर सकती है। S400 एक बार में 80 टारगेट को ट्रैक कर सकता है। S400 3 मिनट के भीतर खतरे का जवाब दे सकता है। S400 सिस्टम की एक रेजिमेंट में लगभग 14 से 16 वाहन होते हैं जिनमें कमांड और कंट्रोल, लॉन्च व्हीकल और लॉन्ग-रेंज रडार व्हीकल शामिल हैं।संबंधित खबरें
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
शिवानी शर्मा author
19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर क...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited