लद्दाख को मिली बड़ी 'सौगात', लेह में परीक्षण के लिए पहली हाइड्रोजन बस का परिचालन शुरू

India's Hydrogen Bus Journey: भारत में सार्वजनिक स्तर पर पहली बार हाइड्रोजन बसों का परिचालन शुरू हुआ है। एनटीपीसी ने लेह में परीक्षण के तौर पर हाइड्रोजन बस परिचालन शुरू किया। आपको इस परियोजना से जुड़ी कुछ अहम बातें समझनी चाहिए। पहली हाइड्रोजन बस तीन महीनों के परीक्षण के लिए 17 अगस्त को लेह पहुंचीं।

hydrogen fuel cell bus

भारत में पहली बार सार्वजनिक स्तर पर हाइड्रोजन बसों का परिचालन।

Ladakh News: सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने लेह में परीक्षण के तौर पर हाइड्रोजन बस परिचालन शुरू किया है। भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल बस सेवा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सार्वजनिक सड़कों पर चलने के लिए तैयार है। पहले व्यावसायिक परीक्षण के साथ ये बस सेवा लेह में शुरू की गई है। यह परियोजना भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक एनटीपीसी द्वारा कार्यान्वित की जा रही है, जो शहर में इंट्रा-सिटी सेवा के लिए लेह प्रशासन को पांच हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की आपूर्ति कर रही है।

हाइड्रोजन बसों के परिचालन से क्या बदलेगा?

कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि लद्दाख में कार्बन उत्सर्जन शुद्ध रूप से जीरो लेवल पर लाने के मकसद से एनटीपीसी हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के साथ लेह शहर के भीतर परिचालन के लिए पांच ‘फ्यूल सेल’ बसें उपलब्ध करा रही है। बयान के अनुसार, पहली हाइड्रोजन बस तीन महीनों के परीक्षण और अन्य वैधानिक प्रक्रियाओं के लिए 17 अगस्त को लेह पहुंचीं।

पहली बार शुरू हुआ हाइड्रोजन बसों का परिचालन

समुद्र तल से 11,562 फुट की ऊंचाई पर अपने तरह की पहली हरित हाइड्रोजन परिवहन परियोजना के साथ नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए अलग से 1.7 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया गया है। लेह प्रशासन ने बुनियादी ढांचे के लिए शहर में 7.5 एकड़ जमीन पट्टे पर दी है। ‘फ्यूल सेल’ बसों को शून्य से नीचे तापमान में परिचालन के लिए डिजायन किया गया है। यह इस परियोजना की एक अनूठी विशेषता है। कंपनी का दावा है कि भारत में सार्वजनिक स्तर पर पहली बार हाइड्रोजन बसों का परिचालन शुरू हुआ है।

पीएम मोदी ने साल 2020 में किया था ये ऐलान

यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2020 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की गई घोषणा के बाद धरातल पर उतर चुकी है। अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा था कि 'हिमालय की ऊंचाइयों में बसा, लद्दाख नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। लद्दाख की कई विशेषताएं हैं। हमें न केवल उन्हें संरक्षित करना है, हमें उनका पोषण भी करना है। जैसे कि सिक्किम ने 'जैविक राज्य' के रूप में अपनी पहचान बनाई है। पूर्वोत्तर में, लद्दाख, लेह और कारगिल भी 'कार्बन न्यूट्रल' इकाई के रूप में अपनी जगह बना सकते हैं।'

सर्दियों में होगी हाइड्रोजन बसों की असल परीक्षा

यह पहली बार है जब हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों को भारत में सार्वजनिक सड़कों पर व्यावसायिक रूप से तैनात किया जा रहा है। इसकी असली परीक्षा सर्दियों में होगी जब लेह में तापमान शून्य से औसतन 20 डिग्री नीचे चला जाएगा।

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